50 फ़ीसदी से अधिक छात्र गणित के प्रश्न सुलझाने में असमर्थ
By : hashtagu, Last Updated : January 18, 2024 | 12:45 pm
‘असर’ रिपोर्ट के लिए 26 राज्यों के 28 जिलों में 14 से 18 आयु वर्ग के 34745 बच्चों पर सर्वेक्षण किया है। असर के मुताबिक, देशभर में 86.8 प्रतिशत बच्चो ने शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लिया है। हालांकि आयु के अनुसार नामांकन में कुछ अंतर है।
इसके मुताबिक, 14 वर्ष के 3.9 प्रतिशत और 18 वर्ष के 32.6 प्रतिशत युवाओ का किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला नहीं है और वे पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। जबकि 14 साल के 96.1 फीसदी छात्रों ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लिया था। 18 की आयु में यह प्रतिशत गिरकर 67.4 फीसदी हो गया। यानी की 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच बड़ी संख्या में स्कूल ड्रॉप आउट हुआ है।
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेम एरिया यानी साइंस, इंजीनियरिंग, टेक्नोलाॅजी व मैथ्स में अब लड़कों का रुझान बढ़ रहा है। देश में 36.3 फीसदी लड़के इन विषयों में पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि लड़कियां का यहां आंकड़ा महज 28.1 फीसदी है। हालांकि, उच्च शिक्षा में ओवरऑल लड़कियां आगे हैं। 14 से 18 आयु वर्ग में सबसे अधिक छात्र कला या मानविकी स्ट्रीम में पढ़ाई करते हैं। कक्षा 11 व 12 के 54 फीसदी छात्र कला और मानविकी में, 9.3 फीसदी वाणिज्य और 33.7 फीसदी ने विज्ञान में अपना नामांकन कराया है। रिपोर्ट के अनुसार अंग्रेजी और गणित में लड़के, लड़कियां से बेहतर रहे हैं।
शिक्षा मंत्रालय कौशल विकास पर काफी जोर दे रहा है लेकिन स्कूलों में कौशल विकास आधारित कोर्स छात्रों के बीच लोकप्रिय नहीं हैं। रिपोर्ट बताती है कि केवल 5.6 प्रतिशत युवा ही प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला ले रहे हैं। हालांकि उच्च शिक्षा में तस्वीर कुछ बेहतर है, यहां 16.2 प्रतिशत छात्रों ने सामान्य पढ़ाई के साथ-साथ प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लिया है। कॉलेज में छह महीने वाले स्किल कोर्स सबसे अधिक पसंद किए गए हैं।
रिपोर्ट बताती है कि छात्रों के बीच स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ा है। अब करीब 92 प्रतिशत छात्र स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं। इनके अलावा 89 प्रतिशत छात्रों का कहना है कि घर पर उनके पास स्मार्टफोन उपलब्ध है। रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों की तुलना में लड़कों के पास स्मार्टफोन की संख्या अधिक है है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 40.3 फीसदी लड़के पढ़ाई के साथ-साथ घर का काम भी करते हैं। इनमें कृषि क्षेत्र में काम करने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक हैं। वहीं अगर लड़कियों की बात की जाए तो 28 प्रतिशत छात्राएं पढ़ाई के साथ घर का काम भी करती हैं।