नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने शुक्रवार को कहा कि संसद में बिना विरोध के पारित किए गए तीन आपराधिक कानून (Three criminal laws) लोगों को बहुत परेशान करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद में जाति का मुद्दा उठाने के लिए फिर से उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, ”अगर कोई व्यक्ति इतने शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठा हो तो कोई भी दलितों की स्थिति की कल्पना कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन का गठन इसलिए किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को निलंबित किये जाने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी प्रतिमा पर सत्याग्रह किया।
उच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोग कहते हैं कि ‘मैं इस जाति का आदमी हूं, इसलिए मुझे अपमानित कर रहे हैं। हमें सदन में नोटिस तक नहीं पढ़ने दिया जाता, तो क्या मैं ये कहूं कि मोदी सरकार दलित को बोलने भी नहीं देती!
संविधान में हमें बोलने की आजादी मिली है। ये आजादी हमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और डॉ. अंबेडकर ने दी है। विपक्षी सांसदों को आपने सदन से बाहर निकाल दिया और सारे कानूनों को बिना किसी विरोध के पास कर लिया। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, ”जब मैं सदन में बोलने के लिए खड़ा हुआ तो मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। जब भी बलात्कार के मामले सामने आते हैं, जब दलितों को दबाया जाता है, किसानों को पीटा जाता है और संविधान को तोड़ा जाता है… और, जब हम संसद में नोटिस देते हैं तो हमें नोटिस पढ़ने का मौका भी नहीं दिया जाता है। क्या मुझे यह कहना चाहिए कि भाजपा सरकार एक दलित को बोलने नहीं दे रही है? आप हमसे बोलने का अधिकार नहीं छीन सकते।”
जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कई अन्य नेता मौजूद थे।