राज्यपाल पद को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश : खड़गे

By : brijeshtiwari, Last Updated : January 11, 2023 | 10:57 pm

नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| तमिलनाडु (Tamil Nadu) विधानसभा में हाल ही में राज्यपाल (Governor) और मुख्यमंत्री (Chief Minister) के बीच हुई तकरार के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने बुधवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) पर राज्यपालों को अपने ‘कार्यकर्ता’ के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों में अपने ‘कार्यकर्ता’ के रूप में उपयोग करके राज्यपाल (Governor) के संवैधानिक पद को बदनाम करने की भाजपा की सोची-समझी साजिश है और यह लोकतंत्र पर हमला है।

खड़गे ने कहा, “हाल ही में कुछ राज्यपालों द्वारा संविधान का खुलेआम उल्लंघन किए जाने से हमारी शासन-विधि का संघीय ढांचा दूषित हुआ है। राज्यपालों को संविधान के ढांचे के भीतर काम करना होता है और वे जिस विधायिका का हिस्सा होते हैं, उसका अपमान नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा, “लेकिन भाजपा (BJP) के अलावा अन्य पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में सामाजिक और राजनीतिक अशांति पैदा करने के लिए उनके दिल्ली आकाओं द्वारा हेरफेर किया जा रहा है, जो खतरनाक है।”

तमिलनाडु में राज्यपाल आर.एन. रवि और सत्तारूढ़ द्रमुक गठबंधन पिछले कई महीनों से टकराव की राह पर हैं, लेकिन राज्यपाल के हालिया बयान के बाद इस बात को तरजीह मिली है कि तमिलनाडु को ‘तमिझगम’ कहा जा सकता है, क्योंकि यह ‘अधिक समावेशी’ होगा।

इसके कारण द्रमुक और उसके सहयोगियों ने वीसीके, कांग्रेस, माकपा, भाकपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सदस्यों के साथ विधानसभा में राज्यपाल के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

राज्यपाल द्वारा लिखित भाषण के वाचन के दौरान कुछ हिस्सों को छोड़ किए जाने के बाद विरोध अपने चरम पर पहुंच गया, जिसमें द्रविड़ विचारक और द्रविड़ कषगम के संस्थापक थंथई पेरियार, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, और पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज और सी.एन. अन्नादुराई के नाम थे।

इस घटना के बाद सत्तारूढ़ द्रमुक ने ‘गेट आउट रवि’ अभियान शुरू किया, जिसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई के कई हिस्सों में बड़े बैनर लगाए हैं, जिसमें राज्यपाल को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है।