अफगानी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को रोका गया
By : dineshakula, Last Updated : October 11, 2025 | 12:59 pm
नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की दिल्ली स्थित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस फैसले को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि जब भारत में महिलाओं को सम्मान दिया जाता है, तब उनकी ही जमीन पर कुछ सबसे सक्षम महिला पत्रकारों को अपमानित क्यों किया गया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत की महिलाएं इस देश की रीढ़ और गौरव हैं और उनका ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
मामले के बढ़ने पर विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानिस्तान के दूतावास में हुई थी और इसमें भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। मंत्रालय ने बताया कि मुंबई स्थित अफगान काउंसिल जनरल ने 10 अक्टूबर को कुछ चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रण भेजा था और यह पूरी तरह अफगानी दूतावास का आंतरिक मामला था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केवल पुरुष पत्रकारों को ही अंदर जाने की अनुमति दी गई और एक भी महिला पत्रकार को एंट्री नहीं दी गई। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर खुलकर नाराज़गी जाहिर की और कहा कि उन्हें जानबूझकर रोका गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फैसला मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों द्वारा लिया गया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि भारत सरकार को इस फैसले की जानकारी पहले से दी गई थी या नहीं।
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2021 को जब अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया, तब से महिलाओं के अधिकारों पर कई पाबंदियां लगाई गई हैं। वहां की महिलाओं को स्कूल जाने, सार्वजनिक रूप से बोलने, चेहरा दिखाने और खेलों में भाग लेने तक की अनुमति नहीं है।
इस घटना पर विपक्ष ने भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से दूर रखने की इजाजत देते हैं, तो वे भारत की हर महिला को यह संदेश देते हैं कि वे उनके अधिकारों के लिए खड़े नहीं हो सकते।
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को बुलाया नहीं गया है, तो उन्हें खुद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ देनी चाहिए थी।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि एक विदेशी कट्टरपंथी अगर भारत की जमीन पर महिला विरोधी नियम लागू करे, तो यह हमारे संविधान और मूल्यों का सीधा उल्लंघन है।
