छत्तीसगढ़ की 9 पार्टियों की मान्यता खतरे में

By : dineshakula, Last Updated : October 11, 2025 | 12:49 pm

रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ की नौ क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों (regional politial parties) की मान्यता खतरे में है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन दलों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है और अब अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा। जिन पार्टियों पर यह संकट मंडरा रहा है, उनमें भारत भूमि पार्टी, भारतीय जनता सेक्युलर पार्टी, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच, छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी, छत्तीसगढ़ समाज पार्टी, छत्तीसगढ़िया पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी यूनाइटेड और राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी शामिल हैं।

इन दलों ने वित्तीय वर्ष 2021 22, 2022 23 और 2023 24 के लिए निर्धारित तारीखों तक अपने लेखा परीक्षित वार्षिक खाते चुनाव आयोग को जमा नहीं किए। इनकी अंतिम तिथियां क्रमशः 30 नवंबर 2022, 31 दिसंबर 2023 और 15 दिसंबर 2024 थीं।

इसके अलावा कई दलों ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाग लेने के बावजूद अपने चुनावी खर्च की रिपोर्ट निर्धारित सीमा के भीतर यानी 75 दिनों और 90 दिनों के अंदर नहीं दी। इस पर निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए और संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

आयोग ने 9 अक्टूबर 2025 को सुनवाई रखी थी लेकिन कुछ दलों ने कोई जवाब नहीं दिया। अब यह मामला केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दिया गया है जो आगामी एक महीने में यह तय करेगा कि इन पार्टियों की मान्यता बनी रहेगी या इन्हें पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।

नियम के अनुसार यदि कोई पंजीकृत राजनीतिक दल समय पर अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा नहीं करता है तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है। यह व्यवस्था चुनावी पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए जरूरी मानी जाती है।

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