अमित शाह का रिटायरमेंट प्लान: प्राकृतिक खेती करूंगा, वेद-उपनिषदों का अध्ययन भी
By : hashtagu, Last Updated : July 9, 2025 | 9:23 pm
अहमदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वे अपना जीवन वेद, उपनिषदों के अध्ययन और प्राकृतिक खेती को समर्पित करेंगे। शाह ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम के तहत गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारी संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे।
शाह ने प्राकृतिक खेती को “एक वैज्ञानिक प्रयोग” बताते हुए कहा कि इससे न केवल मिट्टी की उर्वरकता बनी रहती है, बल्कि इससे जुड़ी बीमारियों से भी बचाव होता है। उन्होंने कहा कि यह खेती स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी है।
एक गाय से 21 एकड़ तक खेती
अमित शाह ने प्राकृतिक खेती के महत्व को समझाते हुए कहा कि इसके लिए एक गाय ही काफी है। उन्होंने बताया कि एक गाय के गोबर से बनने वाली खाद से करीब 21 एकड़ जमीन पर खेती की जा सकती है। शाह ने कहा, “जो लोग प्राकृतिक खेती करते हैं, उनके खेत में केंचुए पाए जाते हैं, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और किसी भी रासायनिक उर्वरक के बराबर काम करते हैं। बारिश होने पर पानी भी खेत से बाहर नहीं बहता।”
केंद्र सरकार ने बनाए कोऑपरेटिव
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कोऑपरेटिव बनाए हैं, जो इन उत्पादों की खरीद और निर्यात का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 8-10 साल में इस खेती के फायदे अमूल जैसी कंपनियों की तरह दिखने लगेंगे और किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा।
बचपन की यादें साझा कीं
कार्यक्रम में शाह ने अपने बचपन की एक घटना भी साझा की। उन्होंने कहा, “जब मैं पैदा हुआ था, तब बनासकांठा और कच्छ जिलों में हफ्ते में सिर्फ एक दिन स्नान के लिए पानी मिलता था। आज गांव-गांव में बदलाव आया है और कुछ परिवार सालाना एक करोड़ से भी ज्यादा कमा रहे हैं।”
महिलाओं की सफलता की कहानियों की सराहना
कार्यक्रम में तीनों राज्यों की महिलाओं ने अपनी सहकारी सफलता की कहानियां साझा कीं। गुजरात की मीरल बहन ने बताया कि वे ऊंटनी के दूध से जुड़े 360 परिवारों के साथ मिलकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने रिसर्च की जरूरत जताई, जिस पर शाह ने बताया कि इस पर पहले ही तीन संस्थानों में शोध शुरू हो चुका है।
राजस्थान की सीमा ने बताया कि उनके समूह ने बचत से 2.5 करोड़ रुपये जुटाए हैं और अब महिलाएं इससे पशुपालन और खेती जैसे व्यवसाय कर रही हैं। वहीं, मध्य प्रदेश की रूचिका परमार ने कहा कि उनके साथ 2508 महिलाएं जुड़ी हैं, जो खाद और ऋण वितरण का काम करती हैं और सालाना 15 करोड़ की कमाई कर रही हैं। उन्होंने मैरिज गार्डन शुरू करने की इच्छा जताई, जिस पर शाह ने उन्हें पूरी मदद देने का आश्वासन दिया।




