BJP भानुप्रतापपुर में आदिवासियों की सरकार से नाराजगी भुनाने की जुगत में, पढि़ए कांग्रेस-बीजेपी के चुनावी दांव-पेंच

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  • Updated On - December 29, 2022 / 10:41 AM IST

क्या BJP खिला पाएगी कमल, पर्यवेक्षक के रिपोर्ट का प्रदेश अध्यक्ष को इंतजार

छत्तीसगढ़। कहते हैं कि राजनीति किसी सांप सीढ़ी के खेल से कहीं कम नहीं है। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत तय करने के लिए रणनीति बनाने में जुटीं हैं। कांग्रेस विधायक मनोज मंडावी के दिवंगत होने से इस सीट पर उपचुनाव करने की नौबत आई है। कांग्रेस ने तो यहां दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी की उम्मीदवारी लगभग तय ही कर दिया है। ऐसे में भाजपा यह सीट हथियाने के लिए और सतर्क हो गई है। ऐसे में यहां सीट के लिए दावेदारी करने वालों की जांच करने के लिए भानुप्रतापपुर में पर्यवेक्षकों को भेजा गया है। उनके रिपोर्ट आने के बाद ही भाजपा प्रत्याशी की घोषणा करेगी। क्योंकि यहां कांग्रेस के दिवंगत विधायक की पत्नी सावित्री मंडावी के मुकाबले में आ जाने के कारण बीजेपी के माथे पर बल पड़ गए हैं।

आरक्षण पर आदिवासियों के समर्थन में बीजेपी कर रही विरोध

यहां आदिवासियों का अच्छा खास वोट है। इसके चलते बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस के आरक्षण के अनुपात में बदलाव की नाराजगी का लाभ लिया जा सकता है। इसके लिए सिर्फ उपचुनाव ही नहीं। आगामी विधानसभा चुनाव में आरक्षण के अनुपात में कांग्रेस द्वारा कटौती किये के जाने के उपक्रम का BJP पूरा लाभ लेने की कोशिश दिख रही है। यही कारण है कि आदिवासियों के समर्थन में बीजेपी कूद गई है। इसके लिए धरना प्रदर्शन और चक्का जाम अभियान बीजेपी ने छेड़ रखा है। लेकिन बदले इन हालातों को भांपकर अब कांग्रेस ने भी आरक्षण के अनुपात में पूर्व किए गए फैसले को बदलने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस जानती है कि अगर ऐसा समय रहते नहीं किया गया तो इसका पूरा फायदा आगामी विधानसभा में बीजेपी उठा लेगी। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर से आरक्षण अनुपात में बदलाव के लिए विधानसभा में विशेष सत्र बुलाने को कहा है।

इसे कांग्रेस और बीजेपी मान रही सेमीफाइनल, इसलिए दोनों पार्टियाें का जोर

भले ही एक सीट पर उपचुनाव हो। लेकिन इसे दोनों पार्टियां एक तरह से सेमीफाइनल ही मानकर चल रही हैं। क्योंकि इसकी जीत के सेहरा बांध कर दोनों पार्टियां जनता के बीच जाएगी। यह बताएंगी कि प्रदेश में उनके पक्ष में हवा चल रही है। बरहाल इस सीट पर दिवंगत विधायक की पत्नी सावित्री मंडावी की मजबूती की वजह से बीजेपी इस सीट पर प्रत्याशी के चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत तय मानकर चल रही हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव बोले, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद तय होंगे प्रत्याशी

भानुप्रतापपुर में उपचुनाव की घोषणा के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने भानुप्रतापुर गए थे। समीक्षा बैठक में उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की है। प्रत्याशी चयन करने के लिए पर्यवेक्षकों की टीम गई है। उनकी रिपोर्ट पर ही प्रत्याशी तय होंगे।