BJP सांसद जनार्दन के फिर बिगड़े बोल, बोले-दारू पीयो, गुटखा खाओ, चाहे थिनर सूघों पर टैक्स दो, पढि़ए क्या था वाकया
By : hashtagu, Last Updated : November 8, 2022 | 5:01 pm
मध्यप्रदेश। कहते हैं कि जिसकी जुबान एक बार फिसली तो उसकी आदत में शुमार हो जाती है। जी कुछ ऐसे ही हैं मध्यप्रदेश रीवा के सांसद जनार्दन मिश्र। वैसे अपने बिगड़े बोल के लिए काफी मशहूर है। ये अपने धारा प्रवाह भाषण देते-देते भूल जाते हैं कि क्या कह गए। खुद की बातों को समझाने में देसी अंदाज में दलीलें पेश करने लग जाते हैं और इनके बोल इनके ही गले का फांस बन जाता है। अपने बोल के चलते ये आये दिन सुर्खियों में बने रहते हैं। अभी 9 महीने एक कार्यक्रम में उन्होंने गंदगी और साफ सफाई रखने की नसीहत देते-देते। जब वे गंदगी नहीं फैलने के समाधान पर चर्चा करने लगे तो उनके जुबान से निकल गया कि गंदगी फैलाने वालों को फांसी की सजा दे देनी चाहिए। बहरहाल, उस वक्त भी इनके कमेंट्स पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी थी। उसके बाद एक बार फिर जल जीवन मिशन के तहत हुई जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यशाला में उन्हाेंने अपने संबोधन जो कहा, उसे सुनकर कुछ हंसे तो कुछ लोग सन्न रह गए।
सब मुफ्त में ही ले लोगे, पर फिजूलखर्ची में कटौती भी करिए
उनकी बात शुरू होती है एक सभ्य लाइन और शब्दों के साथ, सांसद ने कहा- बिजली बिल माफ हो सकता है। मुफ्त में राशन भी ले लो। सरकारें चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे कर देती हैं, अगर कोई मुफ्त में पानी की बात करें, तो नहीं मानना। आगे कहा- चाहे दारू पीयो, गुटखा खाओ, आयोडेक्स खाओ और चाहे थिनर सूंघो, लेकिन पानी के लिए टैक्स देना पड़ेगा। सभी खर्चों में कटौती करके सभी को जल कर देना चाहिए। सांसद ने कहा कि अगर सरकार कहे की पानी का टैक्स माफ करेंगे, लेकिन कैसे जब जलस्तर ही नीचे चला गया है। नदी-नाले सब सूख रहे हैं। धरती में पानी नहीं बचा है। वाटर लेवल घट रहा है। हम लोग पानी की फिजूलखर्ची कर रहे हैं। इनके इस बयान के बाद अब सोशल मीडिया पर जमकर कमेंट्स आ रहे हैं।
https://twitter.com/Janardan_BJP/status/1589158612882325506?
ये वही सांसद है तो सरकारी आफिस में बाथरूम साफ करने लगे थे
सांसद अपने अजब गजब कार्यशैली से भी चर्चाओं में रहते हैं। चुनाव के समय उन्होंने एक बार सरकारी कार्यलय का बाथरुम तक साफ करने लग लगए थे। न जाने ऐसे तमाम इनकी शैलियां है, जिससे वह सोशल मीडिया और लोगों के बीच चर्चा के केंद्र में बने रहते हैं।