कांग्रेस मध्य प्रदेश को भाजपा से छीनने को तैयार
By : hashtagu, Last Updated : November 30, 2023 | 10:35 pm
कांग्रेस ने 2018 में मामूली अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 में तब सत्ता खो दी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बागी विधायकों का एक समूह भाजपा में शामिल हो गया था।
- चुनाव के इस दौर में, एबीपी-सीवोटर के अनुमानों से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस को 230 सीटों वाले सदन में बहुमत मिलने की उम्मीद है। 45,521 सैंपल साइज के साथ किए गए एबीपी-सीवोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, कांग्रेस 113 से 137 सीटों के बीच जीत रही है, जबकि राज्य में बहुमत का आंकड़ा 116 सीटों पर है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं।
पार्टी का वोट शेयर 2018 में मिले 40.9 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 44.1 प्रतिशत हो जाएगा। इसके विपरीत, मध्य प्रदेश में भाजपा का वोट शेयर 2018 में प्राप्त 41 प्रतिशत से मामूली गिरावट के साथ आने वाला है।
एग्जिट पोल में भाजपा को 88 से 112 सीटें मिलने का अनुमान है। अगर एग्जिट पोल के अनुमान सही रहें तो कमलनाथ फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि बसपा राज्य में एक ख़त्म हो चुकी ताकत है और उसे 3 प्रतिशत से भी कम वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
एग्जिट पोल के आंकड़ों के गहन विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि भाजपा को चंबल क्षेत्र में कोई खास फायदा नहीं हो रहा है, जैसी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद उम्मीद थी। ग्वालियर-गुना क्षेत्र में सिंधिया परिवार की काफी गहरी पकड़ है।
क्षेत्र की 34 सीटों में से भाजपा को 4 से 8 सीटें जीतने का अनुमान है। 2018 में, पार्टी ने इस क्षेत्र में केवल 7 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 26 सीटों के साथ वापसी की थी। एग्जिट पोल के आंकड़े इस बार भी कुछ ऐसा ही रुझान दिखा रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जहां कांग्रेस ने चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही कमल नाथ को अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था, वहीं, भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को अपने सीएम चेहरे के रूप में पेश नहीं किया था।