भारी प्रयास के बावजूद धुबरी में हारेगी कांग्रेस : बदरुद्दीन अजमल
By : hashtagu, Last Updated : June 1, 2024 | 4:48 pm
बदरुद्दीन अजमल ने पहली बार 2009 में धुबरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। तब से वह लगातार इस संसदीय क्षेत्र से जीतते आ रहे हैं।
- एआईयूडीएफ नेता ने 2009 में दो सीटों धुबरी और सिलचर से आम चुनाव लड़ा था। वह सिलचर सीट से हार गये थे, लेकिन धुबरी सीट जीत ली थी।
- इस बार कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता रकीबुल हुसैन को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने रकीबुल हुसैन के समर्थन में धुबरी में प्रचार किया था। कांग्रेस नेता ने पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट जुटाने के लिए रोड शो भी किया।
बदरुद्दीन अजमल ने आईएएनएस को बताया, “कांग्रेस ने मुझे हराने के लिए धुबरी में बहुत प्रयास किया। हालांकि, मैं धुबरी सीट बहुत आराम से जीतूंगा। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से चार जून के नतीजों का इंतजार करने की अपील करता हूं।”
अजमल ने आरोप लगाया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा एआईयूडीएफ पर हमला किया। कांग्रेस नेताओं का मकसद एआईयूडीएफ को खत्म करना है। वे भाजपा के खिलाफ नहीं लड़ रहे थे। हालांकि, वे लोकसभा चुनावों में खराब परिणाम दिखाएंगे। कांग्रेस राज्य में खत्म हो सकती है।
चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, असम में तीन अल्पसंख्यक बहुल सीट — धुबरी, नागांव और करीमगंज हैं। इन पर कांग्रेस की जीत की संभावना ज्यादा है।
बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया, “धुबरी के साथ-साथ कांग्रेस के पास नागांव या करीमगंज सीट पर जीतने की कोई संभावना नहीं है।”
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुझे मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा करीमगंज सीट जीतेगी। नागांव में एआईयूडीएफ उम्मीदवार ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है। ढिंग विधानसभा क्षेत्र से एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम का मुकाबला नागांव में मौजूदा कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई से है।
ढिंग विधानसभा क्षेत्र से एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम को नागांव में मौजूदा कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई के खिलाफ खड़ा किया गया था।