नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Natural Gas Minister Hardeep Singh Puri) ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार (Congress government in Karnataka) के पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने और ‘खटाखट स्कीम’ को लेकर जोरदार तंज कसा।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों की दक्षिण एशियाई देशों से तुलना करेंगे तो ये सबसे नीचे है। 70 से 80 प्रतिशत का अंतर है। भारत के पेट्रोल-डीजल के दामों की तुलना अंतरराष्ट्रीय देशों, जिनमें यूके, अमेरिका, कनाडा हैं, से करेंगे तो यह भारत में सबसे कम मिलेगा। पिछले दो साल में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं, बाकि सभी जगह दाम 30-40 प्रतिशत बढ़े हैं।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पेट्रोल-डीजल के दामों की भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों से भी की। उन्होंने बताया कि ईटानगर और चेन्नई में 9.90 रुपये का फर्क है, लखनऊ और तेलंगाना में 12.76 रुपये, गांधी नगर और बेंगलुरु में 8.21 रुपये, पणजी और केरल में 12.35 रुपये, गुवाहाटी और कोलकाता में 6.80 रुपये का फर्क है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ देशभर में कई जगहों पर देखी गई है। दिल्ली में केजरीवाल की सरकार है। इन्होंने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को ठप कर दिया। राजधानी में 10 हजार बसें होनी चाहिए। लेकिन, अब सिर्फ 2,500 रह गई हैं। वो भी किसी का पार्ट नहीं मिलता है या अन्य चीज नहीं मिलती है। ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ एक तरह से झूठ की राजनीति होती है। हम सत्ता में आने पर ये कर देंगे। लेकिन, जनता सब याद रखती है। अभी महिलाएं कांग्रेस के दफ्तरों में पहुंच रही हैं और उनसे पूछ रही हैं कि आपने कहा था कि एक लाख रुपये सालाना देंगे। हमारी पहली किस्त रह गई है, 8,500 हजार रुपये हमारे खाते में डालिए। इसमें कांग्रेसी फंस गए हैं, इससे बचने के लिए नाटक कर रहे हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम मंत्रालय में होने वाले काम को लेकर कहा कि हमने पेट्रोल और डीजल की देश में कभी कमी नहीं होने दी। हमने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम की, अफोर्डेबिलिटी बढ़ाई। एथेनॉल, ग्रीन फ्यूल को लेकर, जो 2030 का टारगेट था, उसे घटाकर 2025 तक ला रहे हैं। लेकिन, इसके लिए राज्य सरकारों को भी जिम्मेदार बनना पड़ेगा, अगर वो जिम्मेदारी से काम नहीं लेंगे, गैर जिम्मेदाराना राजनीति करेंगे, तो फिर मैं सोचता हूं कि वही होगा जो इन्होंने 2004 और 2014 के बीच किया था। इन्होंने दाम नीचे रखने के लिए ऑयल बॉन्ड फ्लोट किए, उससे 1 लाख 41 हजार करोड़ का इन्होंने कर्ज लिया, हमें उसके लिए 3 लाख 20 हजार करोड़ लौटाना पड़ता है।
इसके अलावा हरदीप सिंह पुरी ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के आईएएनएस के सवाल पर कहा कि इसका कारण कर्नाटक सरकार के फ्रीबीज का ऐलान है, वो तो मैं नहीं कह सकता, लेकिन उन्होंने ये जो निर्णय लिया है, उसका असर केवल ईंधन की कीमतों पर नहीं होगा, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने की वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम भी बढ़ जाएंगे, यानी जो केंद्र सरकार ने काम किया, उस पर इन लोगों ने पानी फेर दिया।
उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “कांग्रेस के युवा नेता ने एक बार कह दिया ‘खटाखट-खटाखट’ तो इन्होंने आते ही ‘खटाखट’ कर दिया, पर युवा नेता को ये समझाना भूल गए कि जो उन्होंने झूठ बोला वो भी पकड़ा गया।”
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