अमित शाह के वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना सीएम को किया तलब

By : hashtagu, Last Updated : April 29, 2024 | 5:04 pm

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के छेड़छाड़ वाले वीडियो मामले (Doctored video cases) में दिल्ली पुलिस ने 1 मई को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को तलब किया है। सूत्रों ने सोमवार को ये बात कही। वीडियो में कथित रूप से छेड़छाड़ कर अमित शाह के बयान को आरक्षण खत्म करने का बयान बना दिया गया। उन्होंने कहा था कि राज्य में मुसलमानों के लिए कोटा खत्म कर देंगे, लेकिन वीडियो में छेड़छाड़ कर सभी आरक्षण खत्म करने की बात डाल दी गई।

सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि रेड्डी को अपने मोबाइल फोन के साथ पेश होने के लिए कहा गया है जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर एक्स पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के लिए किया गया था।

दिल्ली पुलिस की एक टीम भी इस फर्जी वीडियो को ट्वीट करने वाले व्यक्तियों को नोटिस देने के लिए तेलंगाना पहुंचेगी।

एक सूत्र ने कहा, चूंकि कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने इसे एक्स पर पोस्ट किया है, इसलिए उन्हें भी नोटिस भेजा जाएगा।

इससे पहले, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा था कि अमित शाह का एक छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो तेलंगाना कांग्रेस प्रसारित कर रही है और आरोप लगाया कि यह पूरी तरह से मनगढ़ंत है और हिंसा भड़काने वाला काम है।

एक सूत्र ने कहा, “मामले की जांच चल रही है। हम वीडियो के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे पोस्ट करने वाले लोगों से पूछताछ की जाएगी और उन्हें जांच में भाग लेने के लिए नोटिस दिया जाएगा।”

दिल्ली पुलिस को रविवार को दो शिकायतें मिली थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। केस आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465, 469 और 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत दर्ज किया गया है।

एफआईआर की एक प्रति आईएएनएस के पास है। गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह पाया गया है कि छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो फेसबुक और ट्विटर यूजर्स द्वारा प्रसारित किया जा रहा है।

एफआईआर में कहा गया, “ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है, समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिससे सार्वजनिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना है। अनुरोध है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।”