भारत-पाक के DGMO में सीधी बात: आज शाम 5 बजे से संघर्षविराम लागू, विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि

By : dineshakula, Last Updated : May 10, 2025 | 6:27 pm

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच आज एक अहम कूटनीतिक पहल देखने को मिली। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने सीधे संवाद के जरिए संघर्षविराम (सीजफायर) (ceasefire) पर सहमति बनाई, जो आज शाम 5 बजे से लागू हो चुका है। इस खबर की पुष्टि खुद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक औपचारिक प्रेस वार्ता में की।

कैसे बनी बात?

जानकारी के मुताबिक, आज दोपहर करीब 3:30 बजे पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) ने भारतीय समकक्ष को फोन किया। इस बातचीत के दौरान दोनों अधिकारियों ने तय किया कि शाम 5 बजे से भूमि, आकाश और समुद्री सीमाओं पर हर प्रकार की सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी पर रोक लगाई जाएगी।

विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि यह समझौता भारत की शर्तों के अनुरूप हुआ है और दोनों देशों के सैन्य बलों को इसे तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी 12 मई को दोनों DGMOs के बीच एक और बातचीत प्रस्तावित है, जिससे आगे की दिशा तय होगी।

DGMO स्तर पर सीधी पहल

सूत्रों के अनुसार, यह पहल पाकिस्तान की ओर से आई थी। उन्होंने तनावपूर्ण सीमाई हालात को देखते हुए सीधे संवाद का रास्ता अपनाया। हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि यह चर्चा केवल संघर्षविराम तक सीमित रही—अन्य मुद्दों पर फिलहाल कोई वार्ता प्रस्तावित नहीं है।

अमेरिकी भूमिका फिर चर्चा में

दिलचस्प बात यह रही कि इस घटनाक्रम से कुछ ही घंटे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई है। ट्रंप ने लिखा, “एक लंबी रात की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं।”

पाकिस्तान का भी आधिकारिक बयान

ट्रंप के दावे के बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी सीजफायर को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम लागू किया गया है। पाकिस्तान ने हमेशा शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जिम्मेदार पहल की है, बिना अपनी संप्रभुता से समझौता किए।”

तनाव घटाने की दिशा में पहला कदम

यह संघर्षविराम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि फिलहाल सीमा पार आतंकवाद, कश्मीर मुद्दा या व्यापार जैसे अन्य मसलों पर बातचीत की कोई योजना घोषित नहीं की गई है।