राजनीतिक मुद्दा बना बाल आश्रम में नाबालिग गैंगरेप कांड, पूर्व मंत्री रामशीला ने सरकार को घेरा

रायपुर के बाल आश्रम में एक साल से नाबालिग के साथ वहीं के कर्मचारी गैंगरेप करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी। उसके गर्भवती होने की खबर फैलते ही सरकार पर विपक्ष ने हमला कर दिया।

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  • Updated On - December 29, 2022 / 10:44 AM IST

विभागीय मंत्री पर सवालिया निशान, बचाव में आये बाल आयोग अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम, बोले करेंगे कार्रवाई

छत्तीसगढ़। रायपुर के बाल आश्रम में एक साल से नाबालिग के साथ वहीं के कर्मचारी गैंगरेप करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी। उसके गर्भवती होने की खबर फैलते ही सरकार पर विपक्ष ने हमला कर दिया। जहां भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व मंत्री रमशीला साहू ने कहा कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडि़या को नहीं है, उनका यह कहना कि यह इस घटना की जानकारी खबरों के माध्यमों से मिली है, जो चौंकाना वाला है। इतना ही इस शर्मनाक घटना के बाद भी अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार तक नहीं किया गया है। इतना ही नहीं पीडि़ता नाबालिग को अभी उसी आश्रम में रखा गया है। जहां उसके बयान बदलवाने के लिए भी हथकंडे अपनाये जा रहे है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है। आखिर समझ में नहीं आ रहा है कि किसके बचाने के लिए सारे विभागीय अधिकारी जुटे हैं।

मंत्री अनिला भेडि़या ने कहा घटना की जानकारी लेकर कार्रवाई कराऊंगी

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने अपने दिए बयान में कहा है कि उन्हें भी ये केस पता नहीं था। खबरों के जरिए ही पता चला है। इसमें लड़की ने जिसे आरोपी बताया पुलिस ने उसे पकड़ा है। इस केस की फिर से पूरी तरह से जांच कराएंगे, जो भी जिम्मेदार होगा, दोषी होगा उसपर कार्रवाई करेंगे।

बाल आयोग अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने कहा ले रहें हैं पूरी जानकारी

बाल आयोग अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने कहा बहुत ही शर्मनाक घटना है, हम इसकी पूरी जानकारी ले रहे हैं। जल्द पूरे प्रकरण की जांच कलेक्टर से कराएंगे। इसमें जो भी लोग दोषी हैं, उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। बच्ची के साथ पूरा न्याय होगा।

भाजपा के इन सवालों का जबाव किसी के पास नहीं

इस प्रकरण पर पूर्व मंत्री रमशीला साहू ने कई सवाल दागे। पहला इस प्रकरण को दबा कर रखने जिम्मेदारों पर अभी तक आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। दूसरा एनजीओ पर मेहरबानी दिखाने में अफसर से लेकर मंत्री तक है अगर ऐसा नहीं तो फिर संस्था के जिम्मेदार पर क्यों कार्रवाई नहीं हुई। तीसरा वे कौन सफेदपोश या कर्मचारी हैं, जिन्हें बचाने के लिए लीपापोती की जा रही है। चौथा जिस स्थान पर बालिका के साथ बलात्कार हुआ अभी तक उसे उसी स्थान पर क्यों रखा गया है क्या पीड़िता को दबाव में रखना चाहते हैं?। पीड़िता के बच्चे व आरोपी के डीएनए रिपोर्ट मैच नहीं होने के बाद यह साफ है कि मामले में और लोग भी संलिप्त है। इसके बाउजूद भी सामूहिक दुष्कर्म के नजरिए से इसकी जांच क्यों नहीं जा रही क्यों बाकी लोगो को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा?

ये है पूरा प्रकरण जिस मचा बवाल

राजधानी रायपुर के माना में एसओएस नाम की इंटरनेशनल एजेंसी यहां बाल आश्रम चलाती है। इसके संचालन और मॉनिटरिंग में जिला प्रशासन भी सहयोग करता है। इसके बावजूद यहां जून 2021 में यहां रह रही एक बच्ची के साथ रेप हुआ नवंबर 2021 में जब वो गर्भवती हुई तो बवाल मच गया। इसके बाद इसमें आश्रम के ही एक कर्मचारी अंजनी शुक्ला को आरोपी बताकर गिरफ्तार किया गया। डीएनए जांच में पता चला कि बच्ची के साथ शारीरिक संबंध किसी और ने भी बनाया। इस मामले में आश्रम की डायरेक्टर निपुना सेन से संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।

बच्ची की देखभाल करने का आया को भेज दिया दिल्ली

इस पूरे केस में हुई चूक या जानबूझकर बरती गई ढिलाई को इस बात से समझा जा सकता है कि मामले की अहम कड़ी को ही छोड़ दिया गया। जिस बच्ची का रेप हुआ उसकी देखभाल करने वाली हाउस मदर (आया) को कांड के फौरन बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया।