रांची, 21 जून (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in jharkhand) के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो और आजसू चुनावी रणनीति (AJSU election strategy) और रूपरेखा बनाने में जुटी हैं।
इसके पहले 2014 में भी भाजपा ओबीसी नेता के तौर पर रघुवर दास को आगे कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही थी। झारखंड में ओबीसी जातियों की आबादी 50 से 55 फीसदी के आसपास है, जिन्हें भाजपा के पक्ष में गोलबंद करने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान के पास होगी। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में झारखंड से जिन दो सांसदों अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ को शामिल किया गया है, वो ओबीसी से ही आते हैं।
बैठक में झारखंड के चुनाव सह प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित राज्य के अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहे। 23 जून को शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा रांची आ रहे हैं। दोनों राज्य भर के प्रमुख नेताओं के साथ आगे की कार्ययोजना तय करेंगे।
दूसरी तरफ कांग्रेस नेतृत्व ने 24 जून को दिल्ली में झारखंड के पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। उन्हें लोकसभा और पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन, सीटों के तालमेल और संगठन की पूरी रिपोर्ट लेकर पहुंचने को कहा गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित अन्य नेताओं के साथ चुनावी रणनीति तय करेंगे।
कल्पना सोरेन लगातार राज्य के विभिन्न हिस्सों के कार्यक्रमों में जा रही हैं। एनडीए के घटक दल आजसू ने भी नवंबर तक पदयात्राएं, प्रवास, जिला एवं ग्राम सम्मेलन जैसे कार्यक्रम तय किए हैं। पार्टियां अपने-अपने एजेंडे के हिसाब से ओबीसी आरक्षण, सरना आदिवासी धर्म कोड, बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दे उठा रही है।