इटली में पीएम मोदी की कई मुल्कों के नेताओं के साथ होगी मुलाकात, करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
By : hashtagu, Last Updated : June 13, 2024 | 9:27 pm
वहीं, पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर सूत्रों ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री जी-7 बैठक के लिए बोर्गो एग्नाजिया रवाना होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
आउटरीच सत्र के बाद ये बैठकें मुख्य रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर केंद्रित होगी। प्रधानमंत्री मोदी के जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ब्रिडिसी के रास्ते में मीडिया के सामने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी को जी-7 सत्र के दौरान ‘एक दूसरे से मिलने का अवसर’ मिलेगा।
सुलिवन ने कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन ने वास्तव में पीएम मोदी से फोन पर बात की थी, जब हम पेरिस में थे, ताकि उन्हें चुनाव के नतीजों और तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नामित किए जाने पर बधाई दे सकें।”
अमेरिकी एनएसए ने कहा, “उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी यहां आएंगे। औपचारिक रूप से उनकी उपस्थिति की पुष्टि करना भारतीयों पर निर्भर है, लेकिन हमें उम्मीद है कि उन दोनों को एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा। उस मुलाकात की विषय वस्तु अभी भी अनिश्चित है क्योंकि कार्यक्रम के बहुत बड़े हिस्से को लेकर अभी तक कुछ तय नहीं है।”
यह लगातार तीसरी बार पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली विदेश यात्रा होगी और शिखर सम्मेलन में उनकी लगातार पांचवीं भागीदारी भी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा, “मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से स्वागत के लिए याद करता हूं। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह 11वीं बार होगा जब भारत जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेगा। पीएम मोदी ने कहा, “आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच अधिक तालमेल लाने और दक्षिणी देशों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा।”