WSJ की “युद्ध भड़काने” वाली रिपोर्ट पर भारत-चीन तनाव को बढ़ाने का आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हिमालयी सीमा पर सड़कें, सुरंगें और लैंडिंग स्ट्रिप का निर्माण कर रहा है, जिसे कुछ लोगों ने युद्ध की तैयारी के सन्दर्भ में दिखाया है।

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  • Updated On - December 28, 2025 / 11:16 AM IST

नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2025। एक अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट को लेकर आलोचना तेज़ हो गई है, जिसमें भारत-चीन सीमा पर (India and China border) भारत द्वारा की जा रही बुनियादी ढांचे की तैयारियों को “संभावित भविष्य के युद्ध की तैयारी” के रूप में पेश किया गया है। आलोचकों ने कहा है कि इस तरह की रिपोर्ट सीमाओं पर चल रही विभिन्न तैयारी और रणनीति को एकतरफा तरह से पेश कर रही है और यह युद्ध को भड़काने वाली भाषा इस्तेमाल कर रही है, जिससे तनाव और बढ़ने की संभावना हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हिमालयी सीमा पर सड़कें, सुरंगें और लैंडिंग स्ट्रिप का निर्माण कर रहा है, जिसे कुछ लोगों ने युद्ध की तैयारी के सन्दर्भ में दिखाया है। आलोचक इसे “संवेदीकरण” और एकतरफा व्याख्या बता रहे हैं, जबकि सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये काम रक्षात्मक उद्देश्यों से किए जा रहे हैं ताकि ऊँचाई पर सैनिकों और आपूर्ति की पहुँच को बेहतर बनाया जा सके।

विश्लेषकों ने कहा है कि 2020 के गलवान झड़प के बाद भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है। वहीं, दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ हद तक तनाव कम हुआ है और विभिन्न स्तरों पर बातचीत भी जारी है। इस बीच कुछ लोगों का दावा है कि ऐसे रिपोर्टों से युद्ध की आशंका जताना जरूरी नहीं है और इसे संतुलित नजरिये से देखना चाहिए।

भारत-चीन संबंधों पर जारी बातचीत और सीमा पर तनाव को नियंत्रित करने के प्रयासों के बावजूद, ऐसे लेख और विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय मंच पर विवाद और चर्चा जोड़ रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि मीडिया को सुरक्षा नीतियों को समझदारी से पेश करना चाहिए, न कि केवल भविष्य के संभावित संघर्ष को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना चाहिए।