राहुल गांधी का बाइक-कार वजन वाला तर्क विवादों में, बीजेपी बोली– समझ से बाहर बकवास

By : dineshakula, Last Updated : October 3, 2025 | 5:27 pm

एनविगाडो, कोलंबिया / नई दिल्ली:  कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका “कार और बाइक के वजन” को लेकर दिया गया तर्क, जिसे उन्होंने कोलंबिया के EIA यूनिवर्सिटी में छात्रों को समझाते हुए पेश किया।

राहुल गांधी ने एक इंटरैक्शन के दौरान छात्रों से सवाल किया कि जब बाइक केवल 150 किलो की होती है और दो लोग आसानी से ले जाती है, तो कार को सिर्फ एक व्यक्ति को ले जाने के लिए 3,000 किलो धातु की जरूरत क्यों होती है?

उन्होंने खुद ही जवाब देते हुए कहा कि इसका कारण इंजन की संरचना है। राहुल ने कहा, “जब बाइक का एक्सीडेंट होता है, तो इंजन राइडर से अलग हो जाता है, इसलिए जान को खतरा कम होता है। लेकिन कार में इंजन अंदर आ जाता है और जान को खतरा होता है। इसलिए कार को ऐसे डिज़ाइन किया जाता है कि इंजन ड्राइवर को न मारे।”

राहुल गांधी ने इसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और डीसेंट्रलाइजेशन से जोड़ा। उन्होंने कहा, “कार के इस इंजन आधारित सिस्टम का समाधान इलेक्ट्रिक मोटर है। इलेक्ट्रिक मोटर एक केंद्रीकृत ऊर्जा प्रणाली को तोड़ देती है। आप मोटर को कहीं भी लगा सकते हैं – आगे, पीछे, या साइड में। यही decentralisation है।”

उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इसके बाद बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे “गिब्बरिश” यानी बकवास बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि वह राहुल गांधी की बातों से “प्रकाशित” होना चाहेंगे और लोगों से कहा कि वे इसका मतलब निकालें।

बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने राहुल के इस तर्क का मजाक उड़ाया, वहीं कांग्रेस के समर्थकों ने इसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की सोच से जोड़कर भविष्य की तकनीक समझाने की कोशिश बताया।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने वैश्विक मंच पर किसी तकनीकी या सामाजिक अवधारणा को जनता के लिए आसान भाषा में समझाने की कोशिश की हो। लेकिन इस बार उनकी तुलना को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।