राहुल के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 10 साल के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अन्याय पर केंद्रित होगी : कांग्रेस
By : hashtagu, Last Updated : January 14, 2024 | 9:46 am
पार्टी ने कहा कि यह यात्रा “देश के साथ पिछले 10 वर्षों में हुए राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अन्याय” को ध्यान में रखते हुए निकाली जा रही है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती अनैतिक विचारधारा है, जो ध्रुवीकरण, आर्थिक असमानताओं और राजनीतिक सत्तावाद को बढ़ावा देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिखाए सुनहरे सपनों और ‘अमृत काल’ की चर्चा करते हुए कहा कि देश में पिछले 10 साल से ‘अन्याय काल’ कायम है।
रमेश ने यह बात तब कही, जब वह मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, राज्य के पार्टी प्रमुख कीशम मेघचंद्र सिंह और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य गैखंगम भी थे।
राज्यसभा सदस्य रमेश ने कहा कि यह यात्रा, जो मणिपुर से महाराष्ट्र तक 15 राज्यों को कवर करेगी, धर्मनिरपेक्ष देश में एक वैचारिक कदम है न कि चुनावी।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा 66 दिनों में 100 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों, 110 जिलों से होकर 6,713 किमी की दूरी तय करेगी। कांग्रेस का मानना है कि यह राहुल गांधी की सितंबर 2022 में शुरू होकर 30 जनवरी 2023 तक देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी से उत्तरी छोर कश्मीर के श्रीनगर तक चली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तरह ही “परिवर्तनकारी” साबित होगी। .
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ इसलिए निकाली गई, क्योंकि मौजूदा सरकार ने विपक्ष को संसद में लोगों के मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दी। जनता के चुने हुए 192 सांसदों को निष्कासित कर देश के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया। यात्रा का उद्देश्य न्याय के सिद्धांतों को फिर से स्थापित करना है। संविधान को बचाना है, क्योंकि देशवासियों की स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा संविधान में निहित है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रविवार को थौबल जिले के खोंगजोम युद्ध स्मारक से यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह ने कहा कि राज्य की राजधानी में हप्ता कांगजीबुंग महल परिसर मैदान से यात्रा शुरू करने के लिए 2 जनवरी को अनुमति मांगी गई थी, लेकिन मणिपुर सरकार ने कुछ शर्तें लगा दीं, जिस कारण पार्टी को कार्यक्रम स्थल थौबल ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि देशभर से पार्टी के मुख्यमंत्रियों और सांसदों समेत पार्टी के कई नेता हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांतिपूर्ण रैली के लिए जुटेंगे।
एआईसीसी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा था कि यात्रा मणिपुर से नगालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जाएगी और 66 दिनों में 15 राज्यों से 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। उन्होंने कहा था कि यह यात्रा महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के लिए न्याय की मांग करेगी और यह ऐतिहासिक भी होगी।