बंगाल में काँग्रेस को झटका, तृणमूल ने सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे
By : hashtagu, Last Updated : March 10, 2024 | 4:53 pm
तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। कृष्णा नगर से महुआ मोइत्रा को प्रत्याशी बनाया है। कूच बिहार सीट से जगदीश चंद्र बसुनिया को टिकट मिला है।
इस सूची में हैरान करने वाले कई नाम है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर से टिकट दिया गया है। यहाँ से काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी मौजूदा सांसद हैं। आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा को प्रत्याशी बनाया गया है।
- तीन सांसदों के टिकट काटे गए हैं जिनमें नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती और अपरूपा पोद्दार शामिल हैं।
बर्धमान-दुर्गापुर से कीर्ति झा आजाद, डायमंड हार्बर से अभिषेक बनर्जी, जलपाईगुड़ी से निर्मल चंद्र रॉय, दार्जिलिंग से गोपाल लामा, रायगंज से कृष्णा कल्याणी, बालुरघाट से बिप्लब मित्रा, मालदह उत्तर से प्रसून बनर्जी, मालदा दक्षिण से शाहनवाज अली रहमान, जंगीपुर से खलीलुर्रहमान, मुर्शिदाबाद से अबू ताहिर खान, रानाघाट से मुकुटधारी, बनगांव से विश्वजीत दास, बैरकपुर से पार्थ भौमिक, दमदम से सौगत रॉय, बारासात से काकली घोष दस्तीदार, बशीरहाट से हाजी नुरुल इस्लाम, जयनगर से प्रतिमा मंडल, मथुरापुर से बापी हलदर, जादवपुर से सयानी घोष, कोलकाता दक्षिण से माला रॉय, कोलकाता उत्तर से सुदीप बनर्जी, हावड़ा से प्रसून बनर्जी, उलूबेरिया से साजदा अहमद, श्रीरामपुर से कल्याण बनर्जी, हुगली से रचना बनर्जी, आरामबाग से मिताली बाग, तमलुक से देवांशु भट्टाचार्य, कांथी से उत्तम बारिक, घाटल से देव, झारग्राम से कालीपद सोरेन, मेदिनीपुर से जून मालिया, पुरुलिया से शांतिराम महत, बांकुरा से अरूप चक्रवर्ती, बर्दवान पूर्व से डॉ. शर्मिला सरकार, बोलपुर से असित मल और बीरभूम से शताब्दी रॉय को टिकट दिया है।
ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि असम और मेघालय में भी टीएमसी चुनाव लड़ेगी। वहीं उत्तर प्रदेश में एक सीट पर चुनाव लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से बात चल रही है।
अब तृणमूल की तरफ से उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, ”कांग्रेस ने बार-बार पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ सम्मानजनक सीट-बंटवारा समझौता करने की अपनी इच्छा व्यक्त की है। कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। कांग्रेस हमेशा से चाहती थी कि ‘इंडिया’ गठबंधन एक साथ मिलकर भाजपा से लड़े।”
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