छत्तीसगढ़। इस मिशन 2023 विधानसभा चुनाव में (Congress) कांग्रेस के कद्दवार नेता और मंत्री टीएस बाबा (TS Baba) ने कहा कि इस बार चुनाव लडऩे का मेरा वैसा मन नहीं है, जैसे पहले रहता था। कहा, टीएस सिंहदेव ने चुनाव लडऩे को लेकर अपने मन की बात कह ही दी।
अंबिकापुर दौरे के दौरान शहर के गांधी स्टेडियम में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार उनका चुनाव लडऩे का वैसा मन नहीं है, जैसा पहले रहता था। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव २ दिवसीय सरगुजा व अंबिकापुर दौरे पर हैं। गुरुवार की सुबह करीब १० बजे वे शहर के गांधी स्टेडियम में आयोजित स्व. एमएस सिंहदेव स्मृति शालेय ड्यूज बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
बहरहाल, अब इस बयान से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई है। वैसे वे अपने बयान में मन की बात कर रहे हैं। वैसे अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में टीएस बाबा क्या निर्णय लेते हैं। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बता दें, कांग्रेस सरकार के 4 सालों में कभी भी टीएस बाब खुद को पार्टी में सहज नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से उनको लेकर तमाम कायस और कवायदों को दौर चला। बता दें, अभी हाल ही में उन्होंने अपने पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके पीछे उन्होंने कारण भी गिनाए थे, कि गरीबों के 8 लाख आवास अधिकारियों के चलते नहीं बन पाए। वहीं इनके नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भूपेश को भेजा था। इसके बाद ही राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि वे पार्टी बदल सकते हैं। लेकिन इस कवायदों पर भी टीएस बाबा ने एक बयान देकर खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा था, कि वे कांग्रेस पार्टी के अलावा किसी भी जगह नहीं जाएंगे। वैसे जब कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौटी तो उसके घोषणा पत्र को तैयार करने में उनकी भूमिका थी।
वे सीएम की दौड़ में भी शामिल रहे। लेकिन राजनीतिक दांवपेंच के चलते उनकी दावेदारी मजबूत नहीं हो पाई। सवाल फिर है कि क्या भूपेश और टीएस बाबा की जोड़ी जो 2018 के विधानसभा चुनाव में लोगों ने जय और वीरू का नाम दिया था। क्या यह जोड़ी आगे बनी रहेगी, अभी इस पर विधानसभा चुनाव तक सस्पेंस ही रहेगा।