कैप्टन ‘संजय प्राशर’ बोले, ‘भारत के भविष्य’ का निर्धारण हिंद महासागर से जुड़ा है!

रायपुर के साइंस कॉलेज (science college) के रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (international symposium) का आयोजन हुआ।

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  • Updated On - May 25, 2023 / 02:17 PM IST

छत्तीसगढ़। रायपुर के साइंस कॉलेज (science college) के रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (international symposium) का आयोजन हुआ। इस मौके पर ऑनलाइन माध्यम द्वारा मुम्बई से कैप्टन संजय पाराशर जुड़े। जहां उन्होंने कहा कि “हिंद महासागर को भारत किसी भी दशा में हल्के में नहीं ले सकता है। भारत का आयात और निर्यात, मत्स्य उद्योग, पेट्रोलियम उद्योग, जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र सीधे हिंद महासागर से जुड़े हैं। जो राष्ट्र समुद्र पर अपना दबदबा कायम करेगा, वही राष्ट्र भविष्य का महाशक्ति बनेगा। पुणे से कमोडोर अर्नब दास ने समुद्र के नीचे होने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

संयुक्त अरब अमीरात से प्रोफेसर आई बी सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “हिंद महासागर पर जब भी भारत का प्रभुत्व कायम रहा है, भारत का स्वतंत्रता अक्षुण रहा है। जब भी विदेशी शक्तियों ने हिंद महासागर में प्रवेश किया है, भारत अपने भूक्षेत्र में भी कमजोर हुआ है।” अंतिम वक्ता के रूप में कैप्टन अरिजीत दास ने भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा प्रबंधन पर पीपीटी के माध्यम से विस्तृत वर्णन किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर निधि शुक्ला ने किया। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर पी सी चौबे प्राचार्य ने अपना आशीर्वचन तथा प्रोफेसर गिरीश कांत पांडेय ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत किया। प्रोफेसर प्रवीण कड़वे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में हाइब्रिड मोड पर सैकड़ों की संख्या में देश भर से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कल कार्यक्रम के अंतिम दिवस पर तीन अन्य विषय विशेषज्ञों का व्याख्यान का प्रस्तुतीकरण होगा।