महाराष्ट्र मंडल में धूमधाम से हुआ नौ बटुकों का जनेऊ संस्कार

महाराष्ट्र मंडल (Maharashtra Circle) में 21 मई रविवार को पंजीकृत नौ बटुकों के सामूहिक उपनयन संस्कार (collective upanayana rites) का आयोजन किया गया है।

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  • Updated On - May 25, 2023 / 02:14 PM IST

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल (Maharashtra Circle) में 21 मई रविवार को पंजीकृत नौ बटुकों के सामूहिक उपनयन संस्कार (collective upanayana rites) का आयोजन किया गया है। मंडल के सचिव एवं आचार्य चेतन दंडवते ने पूरे विधि विधान और वेद मंत्रों के साथ इन बटुकों का उपनयन संस्कार करवाया। उपनयन संस्कार के बाद जब सभी बटुकों ने एक साथ अपनी माताओं ने भवति भिक्षां देहि कहा तो वैदिक मंत्रों से पूरा मंडल गूंज उठा। इस बीच बटुकों की महिला स्वजनों ने धुमाल की धुन पर जमकर डांस किया। जनेऊ संस्कार की समस्त विधियां संपन्न होने के बाद बटुकों के स्वजनों, मेहमानों के लिए स्वरुप भोज की व्यवस्था की गई थी।

पांच सौ लोगों की उपस्थिति में भवति भिक्षां देहि… से गूंज उठा ज्ञानेश्वर सभागृह

आचार्य दंडवते ने बताया कि महाराष्ट्र मंडल में हर साल सामूहिक उपनयन संस्कार कराया जाता है, जिसमें परिजनों को इस संस्कार के लिए अतिरिक्त खर्च वहन नहीं करना पड़ता। इस वर्ष जिन नौ बटुकों का उपनयन संस्कार किया गया, उनमें हैं अक्षद प्रफुल्ल काले, स्वराज आलोक देशपांडे, शुभंकर आलोक देशपांडे, निलय निखिल मुकादम, स्वरीत श्रीकांत कोरान्ने, शार्विल आदित्य जोशी, तेजस अभय मातुरकर, अमेय संदीप मोरे और तेजस संतोष मोरे। महाराष्ट्र मंडल का यह 24वां आयोजन है। इससे पहले तकरीबन 300 से ज्यादा बटुकों का उपनयन हो चुका है, जिसमें कन्या उपनयन संस्कार भी शामिल है।

दंडवते ने बताया कि महाराष्ट्र मंडल में हर साल स्वयं के खर्च पर सामूहिक उपनयन संस्कार कराया जाता है। जिसमें परिजनों को इस संस्कार के लिए अतिरिक्त खर्च वहन नहीं करना पड़ता। जबकि उपनयन संस्कार को व्यक्तिगत तौर पर कराने में तकरीबन एक विवाह का खर्च परिजनों को उठाना पड़ जाता है। अधिक खर्च से बटुकों के परिजनों को मुक्त रखने के लिए महाराष्ट्र मंडल हर साल सामूहिक मुंज संस्कार का आयोजन करता है। जहां मामूली खर्च पर ही वैदिक विधान से संस्कार संपन्न हो जाता है।

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