माता-पिता की सेवा और उनके आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा- बृजमोहन अग्रवाल
By : hashtagu, Last Updated : February 12, 2024 | 11:35 pm
रायपुर। माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। भगवान गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा (Parent circle) को ही ब्रह्मांड की परिक्रमा माना था और संसार में प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त किया था। माता-पिता की सेवा करने वाले गणपति के समान बुद्धिमान बनते हैं। माता-पिता की सेवा और उनके आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है। यह हमारे संस्कार भी हैं और संस्कृति भी। यह कहना है छत्तीसगढ़ के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Culture Minister Brijmohan Agarwal) का।
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के बाद संस्कृती मंत्री श्री अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा की, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने और अपनी संस्कृति को सहेज कर रखने के लिए हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
- उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं। अपने माता पिता का पूजन करें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। माता-पिता की सेवा और आशीर्वाद से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं है। जीवन में सफलता का मूल मंत्र है माता-पिता की सेवा और उनका आशीर्वाद। इसलिए बसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को पूरे छत्तीसगढ़ में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जायेगा। सभी स्कूलों, कॉलेजों के साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी इस दिन पर विशेष आयोजन करें और बच्चों में माता-पिता के सम्मान करने उनसे आशीर्वाद लेने को कहें।
अग्रवाल ने कहा कि पहले भी हमारी सरकार के द्वारा मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता था। उन्होंने कहा कि संस्कार और संस्कृति के बिना हम अच्छे नागरिक नहीं बन सकते और उसके बिना अच्छे राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है। अग्रवाल ने कहा कि बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण के लिए हमारी सरकार ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
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