रायपुर (छत्तीसगढ़)। संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय (MLA Vikas Upadhyay) ने बताया कि 15, 16 एवं 17 जून को जियो कन्वेंशन सेंटर, बीकेसी, मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन (Three day National Convention) में विधायक सम्मेलन जिसका उद्देश्य यह है कि संसदीय लोकतंत्र ने न केवल समय की चुनौती को झेला है, बल्कि लोगों के विश्वास और दृढ़ विश्वास की परीक्षा भी झेली है। हमारे पास गर्व करने के लिए बहुत कुछ है, क्योंकि हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की सफलता दुनिया भर के देशों को आशा देती है।
भारत देश का लोकतंत्र न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह सबसे बहुदलवादी और स्थिरतम लोकतंत्र है। संसदीय और विधायी प्रयासों में पार्टियों के बीच मतभेद होना तय है, लेकिन अधिकतम मात्रा में स्थिरता और आम सहमति लाने के लिए मार्ग खोजना हमेशा हमारी विधायी प्रथाओं का एक अंतर्निहित हिस्सा रहा है।
राष्ट्र ने देखा है कि हमारे विधायकों और सांसदों में मतभेदों से ऊपर उठने और राष्ट्रीय सुलह के मार्ग खोजने की क्षमता और इच्छाशक्ति है। इसी भावना और उद्देश्य के साथ ‘‘राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन (एनएलसी)’’ नामक एक अनूठा सम्मेलन आयोजित किया गया है। विधानसभा और विधान परिषदों के कुछ उल्लेखनीय वर्तमान और पूर्व माननीय अध्यक्ष इस सम्मेलन का संचालन कर रहे हैं।
चूंकि यह हमारे राष्ट्र की खातिर संयुक्त चिंतन करने का अपनी तरह का पहला अवसर है, इस सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मुझे भी प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ से इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास जी महंत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विधायक आशीष छाबड़ा, विधायक प्रमोद शर्मा भी उपस्थित हुए।
यह भी पढ़ें :कांग्रेस ने आप पर बोला हमला, कहा – सौरभ भारद्वाज ‘थोड़े निराश’ हैं