रायपुर। कांकेर के दत्तक ग्रहण केंद्र (Adoption center) में अनाथ मासूमों के साथ यातना देने वाली प्रोग्राम मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार (Police arrested program manager) कर लिया। इसके साथ ही केंद्र संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ से छीन ली गई है। सेवा के नाम से उन्ही पैसों से कमाई और मासूमों पर अत्याचार करने के लिए चर्चा में आये प्रदेश के सभी दत्तक ग्रहण केंद्र जैसे सरकारी-गैर सरकारी जगहों की पड़ताल शासन करेगा।
इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग के अलावा जिला प्रशासन केंद्रों में रह रहे बच्चे-बच्चियों के साथ साथ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों को भरोसे में लेकर पूछताछ करेंगे। सभी मासूमों के शेल्टर्स होम में काउंसलिंग कर अंदर चल रही यातना का पूरा सच सामने लाने वाला यह अभियान जल्द शुरू होगा। खासकर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारीयों के अंतर्गत संचालित केंद्रों को अड्डे की तरह चलने वाले अब बेनकाब होंगे।
दत्तक ग्रहण केंद्र को संचालित कर रहे एनजीओ को हटाकर जिला प्रशासन ने काम संभाल लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग से संस्था को फंडिंग होती थी। सूत्रों की माने तो यहां के बच्चे महीनों से प्रताड़ना सह रहे हैं। इसका विरोध करने वाले 8 कर्मचारियों को एक साल के अंदर केंद्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अगर प्रदेश में संचालित ऐसे शेल्टर्स और विभागीय दत्तक केंद्रों से पूर्व में निकाले गए सभी कर्मचारियों की सूची और बच्चों से काउंसलिंग की जाये तो कई राज़ से पर्दा उठेगा। शासन अब एक स्पेशल टीम बनाकर सभी दत्तक ग्रहण केंद्र, एनजीओ संचालित शेल्टर्स और महिला एवं बाल विकास विभाग के केंद्रों में नाबालिग बच्चे-बच्चियों से काउंसलिंग करेगी। ताकि अंदर चल रही यातना का पूरा सच सामने लाया जा सके।
इस मनमानी की शिकायत यहां की पूर्व महिला बाल विकास अधिकारी रहे सीएस मिश्रा तक भी पहुंची थी। लेकिन उन्होंने मामले की जांच कराने या कार्रवाई के बजाए 50 हजार रुपए लेकर मामला दबा दिया था। ये भी एक बड़ी वजह है कि यहां प्रताड़ना का दौर जारी है। बाहर किए गए कर्मचारी भी इसलिए चुप हैं कि,उन्हें झूठे मामलों में फंसाने के लिए इतना धमकाया गया कि बाहर आने के बाद भी वह जुबान बंद रखते हैं।
कांकेर जिले में दत्तक ग्रहण केंद्र में एक मासूम की बेरहमी से पिटाई की वीडियो वायरल होने पर हाईकोर्ट के जस्टिस व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालन अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने कांकेर के जिला न्यायाधीश से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, सभी जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों को अपने-अपने जिलों के बाल गृह और बच्चों के आश्रमों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे ऐसी घटनाओं पर निगरानी की जा सके।
0 दत्तक केंद्र की यह घटना बेहद दर्दनाक है, कलेक्टर को इस मामले में जल्द कार्रवाई करने निर्देश दिया हूं- ताम्रध्वज साहू, गृह मंत्री
0 वो एक एनजीओ की अधिकारी है, जो नौकरी के नाम पर मस्ती कर रही, सरकार के पास हिम्मत हैं तो उस महिला के ऊपर एफआईआर करवाए- अजय चंद्राकर, पूर्व मंत्री
तत्कालीन महिला एवं बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा को जब शिकायत मिली तो कार्रवाई क्यों नहीं की, जांच हो- संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी
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