कौन हैं ‘भाजपा’ के आशु चंद्रवंशी? इन्हें पार्टी ‘रायपुर पश्चिम’ से चुनाव लड़ाने के मूड में!
By : hashtagu, Last Updated : October 3, 2023 | 12:12 am
बताया जाता है कि यह नाम संघ की भी पहली पसंद है। यही वजह है कि रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ इनके भी नाम की चर्चा जोरों पर हैं। इसके चलते तमाम मीडिया रिपोर्ट में आशु चंद्रवंशी के नाम दावेदारों में दिए जा रहे हैं। बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी, किसको टिकट मिलता है।
अब जानते हैं भाजपा का यह युवा चेहरा आशु चंद्रवंशी कौन हैं। वर्तमान में सभी राजनीतिक दल जिस तरह से पिछड़े जाती वर्ग को अपने पाले में करने हर तरह के हथकंडे अपनाने में लगे हैं,आशु भी उसी पिछड़े वर्ग कुर्मी समाज से आते हैं।पश्चिम विधानसभा में लगभग 62 प्रतिशत लोग पिछड़े वर्ग से हैं।भाजपा के युवा चर्चित चेहरों में सुमार आशु चंद्रवंशी उच्च शिक्षित इंजीनियर हैं और कभी किसी कंपनी में नौकरी किया करते थे।परंतु दो दशक पूर्व आशु चंद्रवंशी राजनीति में जब आने की ठानी तो उन्होंने भाजपा को चुना।
पूरा परिवार आजादी के वक्त से ही संघ से जुड़ा है
इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट था कि उनका पूरा परिवार आजादी के वक्त से ही संघ से जुड़ा हुआ है।7 दशक से भी ज्यादा समय से उनका पुराना घर आज भी पश्चिम विधानसभा के हांडी पारा में मौजूद है।शुरू से हाई क्वालिफाइड चंद्रवंशी परिवार में इंजीनियर, डॉक्टर, वकील से लेकर हर पेशे से जुड़े होने की वजह से समाज में आशु का दायरा भी विशाल है।हालांकि आशु ने इसकी शुरुआत निचले स्तर पर काम कर शुरू की अक्सर देखा जाता है की व्यक्ति राजनीति में आगे बढ़ने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं को प्रभावित करने कई आडंबर के साथ अपनी राजनीतिक शुरुआत करता है,परंतु आशु के काम करने का तरीका अलग था।आशु को आरंभिक दिनों से जानने वाले बताते हैं,आज जो उन्होंने मुकाम हासिल की है वह एक बड़े संघर्ष और मेहनत का परिणाम है।
शुरुआती समय में वे पार्टी का पर्ची ले कर छोटे-छोटे ठेला और गुमटियों में जा कर लोगों को सदस्य बनाने दिन रात मेहनत किया करते थे,फिर धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ते गया और गली मोहल्लों में अपनी पैठ जमाना शुरू किया।उनके काम करने का तरीका ठीक संघ के तर्ज पर हुआ करता था।स्वभाव से अत्यंत व्यवहारिक, हंसमुख और मददगार के साथ-साथ प्रखर वक्ता के तौर पर आशु का नाम पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंचने लगा और देखते ही देखते वे लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए।
पार्टी ने उन्हें मंडल अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद दिया
पार्टी ने उन्हें मंडल अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर फिर जिला उपाध्यक्ष नियुक्त कर काबिल कार्यकर्ता के तौर पर मुहर लगा दी।इस बीच कहा जाता है मूणत को 2013 के विधानसभा में महज कुछ हजार वोट से जो जीत मिली थी उसका पूरा श्रेय आशू चंद्रवंशी को जाता है।इतना ही नहीं डीडी नगर वार्ड से भाजपा पार्षदों की जीत यदि सुनिश्चित होती है तो उसके पीछे आशु की भूमिका ही अहम होती है।
अपने कार्यकर्ताओं और साथियों को महत्व देते हैं
आशु अपने साथी कार्यकर्ताओं को जो महत्व और समय देते हैं आज के समय कोई और नेता नहीं देता। हर कार्यकर्ता के जन्मदिन पर उनके घर में जा कर बधाई देने की परंपरा ने भी उन्हें नायक बना दिया है।कुर्मी और साहू समाज में गहरी पैठ रखने वाले आशु चंद्रवंशी को पार्टी उम्मीदवार बनाती है तो चौकाने वाले परिणाम आ सकते हैं। हालांकि पूर्व मंत्री मूणत की उम्मीदवारी अब भी मजबूत बनी हुई है।उनकी आम जनमानस में स्वीकार्यता नहीं के बराबर होने के बावजूद पार्टी मूणत को लेकर आत्महत्या करने में क्यों तुली है समझ से परे है।
इनपुट (बृजेश सतपथी)