अश्विन का बीसीसीआई पर सवाल: “रोहित और कोहली के लिए रोडमैप क्यों नहीं?”
By : dineshakula, Last Updated : October 9, 2025 | 12:08 pm
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बीसीसीआई (BCCI) पर रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दो दिग्गजों के करियर के इस मोड़ पर बोर्ड को स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए था कि भविष्य की योजना क्या है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने रोहित शर्मा की जगह शुभमन गिल को वनडे टीम की कप्तानी सौंपने का ऐलान किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर ये सवाल उठने लगे कि क्या विराट और रोहित 2027 वर्ल्ड कप की योजना में शामिल हैं या नहीं।
“सीधा संवाद होना चाहिए था”: अश्विन
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,
“एक तरफ चयन है, दूसरी तरफ रोहित और कोहली हैं। ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। टीम ने भविष्य की ओर बढ़ने का फैसला किया है, यह स्पष्ट है। लेकिन जिन दो खिलाड़ियों के करियर का यह अंतिम दौर है, उनके साथ संवाद कैसे किया जाता है – यह बेहद महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि अगर रोहित और विराट से T20 वर्ल्ड कप 2023 के बाद ही स्पष्ट बातचीत होती, तो वे खुद तय कर सकते थे कि उन्हें वनडे या टेस्ट में आगे खेलना है या नहीं।
“अगर उन्हें T20 से रिटायरमेंट के समय ही बता दिया जाता कि टीम किस दिशा में जा रही है, तो वे उस अनुसार निर्णय लेते। लेकिन अब अस्पष्टता फैल रही है, जिससे सिर्फ अटकलें लगती हैं। ऐसी स्थिति खिलाड़ियों को असहज बना देती है।”
“भारतीय क्रिकेट में ट्रांजिशन प्लान की कमी है”
अश्विन ने आगे कहा कि भारतीय क्रिकेट में न तो स्पष्ट ट्रांजिशन योजना है और न ही Knowledge Transfer (KT) की कोई व्यवस्था।
“KT का मतलब यह नहीं कि रोहित या कोहली शुभमन गिल को नए शॉट्स सिखाएंगे। KT का मतलब होता है कि दबाव के पलों को कैसे संभालना है, चोट से कैसे वापसी करनी है – यह अनुभव साझा करना। लेकिन हमारे क्रिकेट सिस्टम में इसके लिए कोई जगह नहीं है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ के बाद अचानक गौतम गंभीर को कोच बना दिया गया, बिना किसी तय योजना के।
“जब द्रविड़ कोच थे तब KT की व्यवस्था होती तो गंभीर को भी उससे फायदा होता। लेकिन जब कोई रोडमैप ही नहीं है तो ये सब मुमकिन ही नहीं।”
रविचंद्रन अश्विन के इन तीखे सवालों ने भारतीय क्रिकेट के भीतर नेतृत्व परिवर्तन, खिलाड़ियों के साथ संवाद और दीर्घकालिक योजना की पारदर्शिता पर गंभीर बहस छेड़ दी है। फैंस और विशेषज्ञों की नजर अब बीसीसीआई की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी है।


