Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक रोहित शर्मा ने बीसीसीआई और चयन समिति के फैसले को स्वीकार किया है, जिसमें उन्हें भारतीय टीम की ODI कप्तानी से हटाकर शुबमन गिल को नया कप्तान बनाया गया है। इस कदम को क्रिकेट जगत में बड़े बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है। बीसीसीआई के चयन समिति के अध्यक्ष अजित अगरकर के बयान से यह साफ हो गया है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली का 2027 वर्ल्ड कप में खेलना मुश्किल नजर आता है।
रोहित शर्मा उस समय 40 साल के होंगे और विराट कोहली भी लगभग 39 के करीब होंगे, जब दक्षिण अफ्रीका में यह विश्व कप खेला जाएगा। उम्र एक बड़ा कारण है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता उनकी मैच अभ्यास की कमी है। टेस्ट और टी20 से संन्यास लेने के बाद, अब केवल ODI ही रोहित और कोहली के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का विकल्प बचा है। लेकिन कम मैच खेलने के कारण विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए उनकी तैयारी चुनौतीपूर्ण हो रही है।
क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने कहा है कि चयन समिति ने शुबमन गिल को कप्तान बनाने का सही फैसला लिया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि रोहित शर्मा भी इस फैसले से असहमत नहीं होंगे। गावस्कर ने स्पोर्ट्स टाक से बातचीत में कहा, “हम नहीं जानते कि रोहित शर्मा 2027 विश्व कप के लिए तैयार होंगे या नहीं। वे अब सिर्फ ODI खेलते हैं, और भारत का अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर ज्यादा ODI नहीं है। ज्यादातर दौरे टेस्ट और टी20 पर होते हैं। अगर वे साल में सिर्फ 5-7 ODI खेलेंगे तो उनका अभ्यास उस स्तर का नहीं होगा जो विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए जरूरी है। इसलिए शुबमन गिल को तैयार करने का फैसला लिया गया।”
गावस्कर ने रोहित की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, “उन्होंने बहुत कुछ किया है – चैंपियंस ट्रॉफी और टी20 विश्व कप भी जीता है। उनकी कप्तानी में कोई शक नहीं। लेकिन वे भी इस फैसले से सहमत होंगे क्योंकि दो साल आगे सोचकर युवा कप्तान तैयार करना जरूरी था। यही सोच चयन समिति की रही।”
भारत 2027 विश्व कप तक कम से कम 27 ODI खेलेगा, और संभव है कि इससे ज्यादा भी मैच जुड़ें। लेकिन टी20 मैचों की संख्या बढ़ने के कारण रोहित और कोहली के लिए लगातार मैच खेलना कठिन होता जा रहा है। दोनों का घरेलू क्रिकेट में खेलने से बचना भी उनके विश्व कप तक पहुंचने के रास्ते को और मुश्किल बना रहा है।
यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में नए दौर की शुरुआत की ओर इशारा करता है, जहां युवा खिलाड़ियों को मौके दिए जा रहे हैं और अनुभवी खिलाड़ियों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।
