कोलकाता: भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में हार के बाद, क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। भारतीय क्रिकेट टीम की पिच पर नाकामी ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट और खिलाड़ियों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि अब उन खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए, जो घरेलू क्रिकेट में सक्रिय हैं और मुश्किल पिचों पर खेलने के अनुभव से लैस हैं।
गावस्कर ने साफ तौर पर कहा कि भारतीय खिलाड़ी अब घरेलू क्रिकेट से कटा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बहुत से खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते, जो एक गंभीर समस्या है। अगर आप रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट्स में खेलते हैं, तो आपको ऐसी पिचों पर खेलने का अनुभव होता है, जहां गेंद थोड़ी पकड़ और टर्न लेती है। लेकिन हमारे खिलाड़ी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा, “हमारे मौजूदा खिलाड़ियों में से कोई भी रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए तैयार नहीं है। यही सवाल है, क्या हमारे खिलाड़ी वाकई घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए उत्सुक हैं?”
गावस्कर ने घरेलू क्रिकेट की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा, “अगर आप रणजी ट्रॉफी में खेलते हैं तो आपको पिचों पर खेलने का अवसर मिलता है जो वास्तव में आपको चुनौती देती हैं। इस तरह की पिचों पर गेंद टर्न करती है और खिलाड़ियों को उसे खेलने का अनुभव मिलता है। पर हमारे खिलाड़ियों के लिए यह केवल एक फॉर्म में आने का बहाना बन जाता है, वे तब ही खेलना चाहते हैं जब उनका फॉर्म खराब हो। यह पूरी तरह से अनुचित है।”
गावस्कर ने चयनकर्ताओं से यह अपील की कि अब उन्हें ऐसे खिलाड़ियों को टीम में मौका देना चाहिए जो घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रूप से खेल रहे हैं और जिन्हें चुनौतीपूर्ण पिचों पर खेलने का अनुभव है। “अगर पिच पर टर्न हो रही है और कठिनाई आ रही है, तो हमें ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो इस स्थिति में खेलने के लिए तैयार हों, न कि ऐसे खिलाड़ियों की जो इंटरनेशनल क्रिकेट में तो खेलते हैं लेकिन मुश्किल पिचों पर खेलने के लिए तैयार नहीं होते,” गावस्कर ने कहा।
गावस्कर ने भारतीय खिलाड़ियों के ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ पर भी कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण रणजी ट्रॉफी के मैच मिस करना कोई बहाना नहीं हो सकता। इस बहाने से खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। वे केवल तब खेलते हैं जब उनका फॉर्म खराब होता है, जो कि गलत है।”