दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम की बल्लेबाज़ी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में चल रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय शीर्ष क्रम की नाकामी के बाद पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने भारतीय बल्लेबाज़ी कोच की भूमिका पर कड़ा सवाल उठाया।
भारतीय टीम में “औपचारिक बल्लेबाज़ी कोच” भले ही न हो, लेकिन असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर को बल्लेबाज़ों की तकनीकी कमियों को दूर करने और नेट्स में उनके साथ काम करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। मुख्य कोच गौतम गंभीर की टीम में अन्य सहायक कोच रायन टेन डोस्चेटे हैं, जबकि गेंदबाज़ी की जिम्मेदारी मॉर्न मोर्कल और फील्डिंग की ज़िम्मेदारी टी दिलीप के पास है।
टॉप ऑर्डर फिर हुआ फ्लॉप
सोमवार को बारिश से बाधित तीसरे दिन भारतीय टीम का स्कोर 48/4 पर सिमट गया। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली और ऋषभ पंत चारों ही ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ शॉर्ट-पिच गेंदों को शरीर से दूर खेलने की कोशिश में आउट हुए।
बल्लेबाज़ी की विफलता और आंकड़े
इस सीरीज़ में भारतीय बल्लेबाज़ी इकाई को छोड़कर, सिर्फ एक पारी में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन देखने को मिला है। पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने शतक लगाया, लेकिन बाकी चार पारियों में दोनों ही बुरी तरह नाकाम रहे।
केएल राहुल का प्रदर्शन उज्जवल
ओपनर केएल राहुल इस सीरीज़ में भारत के सबसे विश्वसनीय बल्लेबाज़ रहे हैं। पहले दो टेस्ट में उन्होंने 147 रन बनाए और ब्रिस्बेन टेस्ट में बारिश प्रभावित पारी में फिर एक अच्छी शुरुआत की।
मांजरेकर का सवाल
भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी विफलता पर संजय मांजरेकर ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“अब समय आ गया है कि भारतीय टीम में बल्लेबाज़ी कोच की भूमिका पर सवाल उठाए जाएं। आखिर क्यों कुछ भारतीय बल्लेबाज़ों की गंभीर तकनीकी समस्याएं इतनी देर से बनी हुई हैं?”
निष्कर्ष
भारतीय बल्लेबाज़ों की निरंतर नाकामी और उनकी तकनीकी खामियों पर सवाल उठ रहे हैं। टीम में सही मार्गदर्शन और प्रभावी सुधार की कमी साफ नज़र आ रही है, जिससे मांजरेकर जैसे पूर्व क्रिकेटरों को कोचिंग स्टाफ की भूमिका पर खुलकर सवाल उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।