पुलिस ने एक्टिविस्ट के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मारे गए लोग कोई ग्रामीण नहीं थे, बल्कि माओवादियों द्वारा मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए गए थे।