वायर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, क्षुद्रग्रह नमूना कैप्सूल भारतीय समय के अनुसार रविवार रात 8.25 बजे अमेरिका के यूटा रेगिस्तान में उतरने वाला है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु (एल1) के लिए निर्धारित आदित्य-एल1 ने एक सेल्फी ली है और साथ ही पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी ली हैं।
पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण के रॉकेट ने 1,480.7 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान के साथ उड़ान भरी, जो सौर गतिविधियों का अध्ययन करेगा।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों के सामर्थ्य पर खुशी जताते हुए इसे भारत के लिए ऐतिहासिक और समृद्ध कदम बताया।
अंतरिक्ष यात्रा के लिए सोवियत इंटरकोसमोस कार्यक्रम सोयुज टी-11 से 3 अप्रैल 1984 को उड़ान भरने वाले शर्मा ने कहा, "पिछले 40 वर्षों में सीमित संसाधनों के बावजूद इसरो ने एक शानदार यात्रा की है।
नासा (NASA) ने दो छोटे उपकरणों का खुलासा किया है, जो सूर्य से पृथ्वी की निर्देशित ऊर्जा को मापने और उसका अध्ययन करके बड़ी वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि को शक्ति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नासा (Nasa) सिस्टम्स ने भविष्यवाणी की है कि एक बॉक्स ट्रक के आकार का एक क्षुद्रग्रह इस सप्ताह पृथ्वी के बहुत करीब से टकराएगा।
नासा (NASA) ने पृथ्वी (Earth) की झीलों, नदियों, जलाशयों और समुद्र के पानी का परीक्षण करने के लिए एक पहला उपग्रह लॉन्च किया है।