कुवैत पहुंचे केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी उसी विमान से वापस लौट रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के मौजूदा अभ्यास गगन शक्ति-24 के एक भाग के रूप में विमानों ने हाल ही में कश्मीर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) का संचालन किया था।
वायु सेना के साथ-साथ आर्मी भी त्रिशूल अभ्यास का हिस्सा है। वायु सेना के त्रिशूल अभ्यास में हिस्सा ले रहे विमान जम्मू कश्मीर सीमा से लगे हुए लंगेरा, चुराह, सतरूंडी, मंगली, महलनाग क्षेत्रों लड़ाकू विमान उड़ रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, हम सूडान में जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी ने मंगलवार को कहा कि बालाकोट में 2019 के हवाई हमलों ने प्रदर्शित किया कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति है, तो 'नो वार, नो पीस' परिदृश्य में एयरोस्पेस शक्ति का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।