विश्वविद्यालय में काइन्सियोलॉजी और पोषण के प्रोफेसर क्रिस्टा वरडी ने कहा कि रुक रुक कर उपवास करने वाले समूह के प्रतिभागियों को कैलोरी कम करने वाले समूह की तुलना में ज्यादा फायदा हुआ।