पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संसद की शिक्षा, बाल, युवा मामले एवं खेल संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं।
भाजपा की ओर से बुधनी विधानसभा में मैदान में उतारे गए रमाकांत भार्गव विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं, जबकि विजयपुर के उम्मीदवार रामनिवास रावत कांग्रेस के छह बार विधायक रहे हैं।
भारती ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आरोप लगाया, "हर भाजपा नेता उनका (नरोत्तम मिश्रा) राजनीतिक करियर खत्म करना चाहता है। कोई भी उनके पक्ष में नहीं है। भाजपा के भीतर सभी उनके दुश्मन हैं।"
राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। इस बार के चुनाव में रोचक बात ये है कि यह पहला ऐसा मौका है जब दो पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
कभी कमल नाथ के करीबी रहे और वर्तमान में भाजपा नेता सैयद जाफर ने कमल नाथ और हाईकमान के बीच बढ़ती दूरी की तरफ इशारा किया है।
शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा क्षेत्र सेे सिंधिया समर्थक पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ाम् उम्मीदवार है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनेक दशकों तक देश में पंचायत से लेकर संसद तक कांग्रेस का ही झंडा था, कांग्रेस की ही सरकारें थी, लेकिन आज गिनती के कुछ राज्यों में ही इनकी सरकार बची है।
राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिराए जाने के घटनाक्रम को पार्टी के नेता अब भी नहीं भूल पाए हैं और यही कारण है कि सिंधिया को घेरने के लिए राज्य के नेता सबसे ज्यादा मशक्कत कर रहे हैं।
कांग्रेस ने पहली सूची जारी की है जिसमें 144 विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कमलनाथ के सामने बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जमा है, यह कार्यकर्ता कोलारस से रघुवंशी को उम्मीदवार न बनाए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है।