प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस का नारा है जेब साफ और काम हाफ
By : hashtagu, Last Updated : November 7, 2023 | 9:12 pm
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनेक दशकों तक देश में पंचायत से लेकर संसद तक कांग्रेस का ही झंडा था, कांग्रेस की ही सरकारें थी, लेकिन आज गिनती के कुछ राज्यों में ही इनकी सरकार बची है। इनका ऐसा पतन इसलिए हुआ, क्योंकि इनका नारा रहा है – गरीब की जेब साफ और काम हाफ।
कांग्रेस को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी राज्य से एक बार कांग्रेस गई, तो वहां के लोगों ने कांग्रेस को दोबारा घुसने नहीं दिया है। आज यहां के लोग कह रहे हैं, एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी। हमारे सेवाकाल से पहले कांग्रेस ने केंद्र में 10 वर्ष तक सरकार चलाई, लेकिन उसमें उसने गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने का ही काम किया था। लेकिन, आपके सेवक मोदी ने करीब 10 साल जो सरकार चलाई है, उसमें पूरी लगन से कार्य किया, देश भर के गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिले, ये गारंटी भी मोदी ने दी है। इस पीएम आवास योजना पर अभी तक 4 लाख करोड़ रुपये हमारी सरकार खर्च कर चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने केवल उन्हीं को आगे बढ़ाया, जो दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाते थे। ओबीसी, एससी, एसटी समाज के प्रतिभाशाली नेतृत्व को कांग्रेस ने कभी उभरने नहीं दिया। इनकी यही दरबारी मानसिकता है, जिसके कारण ये लोग दिन-रात मोदी को गाली देते रहते हैं। मोदी को गाली देते-देते ये पूरे ओबीसी समाज को गालियां देने लगे हैं।
कांग्रेस की वर्तमान हालत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी राज्य से एक बार कांग्रेस गई, तो वहां के लोगों ने कांग्रेस को दोबारा घुसने नहीं दिया है। एमपी में भी दो दशक से अधिक समय से कांग्रेस बहुमत के लिए तरस रही है। भाजपा सरकार की योजनाओं के जो भी लाभार्थी हैं, उनमें से अधिकतर हमारे दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के लंबे शासनकाल में सबसे बुरी स्थिति दलित और आदिवासी बस्तियों की ही थी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का सबसे अधिक लाभ हमारे गरीब और दलित भाई-बहनों को ही हुआ है। भाजपा सरकार जो कहती है, वो हम डंके की चोट पर पूरा करके दिखाते हैं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत हम किसानों के खाते में पैसा जमा कर रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में जमा किए जा चुके हैं। इस योजना के 20 हजार करोड़ रुपये मप्र के किसानों के खातों में भी गए हैं।