दंतेवाड़ा में नक्सली हमला, क्या सुरक्षा बल से चूक हुई?

By : hashtagu, Last Updated : April 26, 2023 | 11:51 pm

संदीप पौराणिक

रायपुर 26 अप्रैल| छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewara) में माओवादियों की हरकत ने एक बार फिर 11 लोगों की जिंदगी को निगल लिया है। सवाल उठ रहा है कि भले ही घटनाएं कुछ अंतराल से हो रही हो मगर चूक सामने आने के बावजूद सुरक्षा बल इनसे सीख क्यों नहीं ले रहे हैं।

दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र में बुधवार को डीआरजी (जिला रिजर्व बल) के जवान माओवादियों का निशाना बन गए। यह जवानों का दल गश्त पर निकला हुआ था। उसी दौरान सड़क में बिछाए गए आईईडी की चपेट में उनका वाहन आ गया और उसके परखच्चे उड़ गए। इस हादसे में कुल 11 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 10 डीआरजी के जवान हैं।

बताया जाता है कि आमतौर पर डीआरजी के जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में वाहन का उपयोग कर कम जाते हैं, बहुत ज्यादा जरूरी होने पर वे दुपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं जिस मार्ग पर गश्त होती है उसका पहले जायजा ले लिया जाता है कि कहीं कोई विस्फोटक तो नहीं है। यही कारण है कि सवाल उठ रहे हैं सचिर्ंग से पहले सड़क का मुआयना क्यों नहीं किया गया और डीआरजी के जवानों ने आखिर वाहन का सहारा क्यों लिया। जवानों ने मेटाडोर का उपयोग क्यों किया।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस विस्फोट में पचास किलो से ज्यादा विस्फोटक का उपयेाग किया गया होगा, यही कारण है कि जिस वाहन में जवान सवार थे उसके परखच्चे उड़े हैं। साथ ही सुरक्षा बलों ने उन दिशा निर्देशों के पालन करने में चूक की है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए तय है।

बताया गया है कि जिस मार्ग पर विस्फोट के लिए आईईडी का उपयोग किया गया, वह पक्की सड़क है, इस मार्ग पर आवाजाही भी रहती है। विस्फोट के बाद सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया है कि क्षेत्र में नक्सलियों के होने की गुप्त सूचना मिली थी, उसी के चलते जवान गए हुए थे और लौटते वक्त घटना हुई।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सांसद अरुण साव ने दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सली हमले में जवानों की शहादत के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लचर नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह सरकार नक्सलियों के सामने लाचार है। साढ़े चार साल से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की समानांतर सरकार चल रही है। सारे देश में नक्सलवाद सिमट चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के राज में नक्सलवाद फल फूल रहा है। जिसके कारण जवान शहीद हो रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है। नक्सलवाद का खात्मा करने भूपेश बघेल सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया।

साव ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस और नक्सलियों में गुप्त गठजोड़ है। कांग्रेस अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए नक्सलियों का इस्तेमाल कर रही है और इसके एवज में उन्हें हिंसा करने की छूट दी गई है। कांग्रेस सरकार ने अब तक के कार्यकाल में नक्सलियों के खिलाफ कोई ऑपरेशन नहीं चलाया। मुख्यमंत्री बतायें कि आखिर क्यों नक्सल समस्या के सफाए के लिए कुछ भी नहीं किया।

विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार की चूक हुई है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में जवान शहीद हुए हैं। सरकार नक्सली वारदातों को गंभीरता से नहीं ले रही। इसका फायदा उठाकर नक्सली जवानों को निशाना बना रहे हैं।

कौशिक ने कहा कि एक सप्ताह पहले बीजापुर विधायक के काफिले पर नक्सली हमला हुआ। इस हमले के बाद गृहमंत्री को वहां जाकर नक्सलियों को जवाब देने रणनीति बनानी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। (आईएएनएस)