इस सफल लांचिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा, “एसएसएलवी की तीसरी उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हो गई है।
जीएसएलवी रॉकेट की आखिरी उड़ान 29 मई, 2023 को थी और रॉकेट का कोडनेम 'जीएसएलवी-एफ12' रखा गया था।
मंत्रालय ने कहा कि उपग्रह को सुबह 10.19 बजे प्रक्षेपण के लगभग चार मिनट बाद कक्षा में स्थापित किया गया, और 11.37 बजे एक ग्राउंड स्टेशन के साथ संचार करने में सफल रहा।
पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण के रॉकेट ने 1,480.7 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान के साथ उड़ान भरी, जो सौर गतिविधियों का अध्ययन करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) ने पिछले महीने पोस्ट मिशन डिस्पोजल (पीएमडी) ऑपरेशन में संचार उपग्रह जीसैट-12 को नष्ट कर दिया।
(Dantewada) धुर नक्सली जिले दंतेवाड़ा के 77 बच्चे अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का पताका फहराएंगे।
दो अंतरिक्ष एजेंसियों, भारत के इसरो (ISro) और अमेरिका के नासा द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित पृथ्वी विज्ञान उपग्रह नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) (Nisar) के विमोचन समारोह में दोनों ने अपनी-अपनी परंपराओं का पालन किया।
नासा (NASA) ने पृथ्वी (Earth) की झीलों, नदियों, जलाशयों और समुद्र के पानी का परीक्षण करने के लिए एक पहला उपग्रह लॉन्च किया है।