ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती (Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati) 1008 महाराज की गोवा की धरती पर धर्मसभा में अपने श्रीवचनों को कहेंगे।