पिछले कुछ दिनों से चल रही कयासबाजी को विराम देते हुए ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया
विनेश फोगाट ने पिछले शनिवार को किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया थी। वह शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पहुंची थीं।
भारत लौटने पर बलाली गांव में माता-पिता, खाप पंचायतों और ग्रामीणों ने विनेश फोगाट का भव्य स्वागत किया था।
खुली छत वाली कार पर सवार विनेश ने सभी समर्थकों की तरफ हाथ हिलाकर उन्हें धन्यवाद दिया।
विनेश फोगाट के शनिवार को भारत आने को देखते हुए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
'मां मैं हार गई और कुश्ती जीत गई...', पेरिस ओलंपिक के दौरान ही यह बात कहकर विनेश फोगाट ने संन्यास का ऐलान किया था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बयान में जानकारी दी है कि अब यह फैसला 16 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 9 बजकर 30 मिनट पर दिया जाएगा।
आईओए ने रविवार को जारी एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रत्येक एथलीट और उनकी व्यक्तिगत कोचिंग टीम की है।
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के गांव बलाली की सर्वखापों ने रविवार को उनके लिए भारत रत्न की मांग (Demand for bharat ratna) की।
आईओए के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि सीएएस के तदर्थ प्रभाग ने एकमात्र मध्यस्थ माननीय के लिए समय बढ़ा दिया है।