इसे आस्था कहें कि अंधविश्वास लेकिन कभी-कभी आंखों के सामने जो सच्चाई दिखती है, उसे नाकारा भी नहीं जा सकता। वैसे ये कोई बात नहीं है। शायद आप सभी को याद होगा कि सन 1995 में चतुर्थी के दिन गणेश की मूर्तियों के भी पानी पीने की खबर आग तरह पूरे देश में फैल गई थी।