भारत में बनेंगे लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 के इंजन
By : hashtagu, Last Updated : November 20, 2023 | 10:06 pm
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने बताया कि अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मिलकर भारत में यह इंजन बनाएंगी(This engine will be made in India)। अमेरिका से इसके लिए सभी प्रकार की मंजूरी हासिल की जा चुकी है। हल्के लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 के लिए सबसे पहले इंजन बनाने का काम होगा। एक साल में इस फाइटर जेट का प्रोटोटाइप तैयार होगा। वहीं चार साल बाद इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, भारत के इस स्वदेशी लड़ाकू विमान में नाइट विजन चश्मे से जुड़ा हुआ कॉकपिट होगा। इसका फायदा यह होगा कि रात या अंधेरे में इस फाइटर जेट से टारगेट पर हमला किया जा सकेगा। इसमें हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक की व्यवस्था होगी। हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक का मतलब है एक ही लीवर से फाइटर जेट कंट्रोल किया जाएगा और उसी से हथियार भी दागे जा सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक, तेजस-मार्क 2 के 10 स्क्वॉड्रन बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य है जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 फाइटर जेट्स की पुराने फ्लीट को रिप्लेस करना है।
कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने इसी वर्ष 30 अगस्त को तेजस-मार्क 2 हल्के लड़ाकू विमानों के निर्माण की मंजूरी दी थी। यह विमान चरणबद्ध तरीके से मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। रक्षा जानकारी के मुताबिक तेजस-मार्क 2 का निर्माण 2027 तक कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि भारतीय सेना के पास एलसीए तेजस का एडवांस्ड वर्जन मार्क-1 ए विमान पहले से ही है। एयर फोर्स के पास उपलब्ध यह विमान एक फाइटर जेट है जो 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ता है। यही नहीं, एयर फोर्स का यह फाइटर जेट 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम है। भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे, जिसमें से 31 मिल चुके हैं। ये सभी तेजस मार्क -1 हैं। इसके अलावा बीते दिनों भारतीय वायु सेना को अपना पहला 2 सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस ट्विन सीटर’ मिला है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने वायुसेना को पहला तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान सौंपा हैं। तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान एक हल्का विमान है। इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह विमान किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को कुल 18 ट्विन सीटर विमान का ऑर्डर दिया गया था। भारतीय वायुसेना द्वारा दिए गए इस आर्डर में से 8 विमान अगले साल तक दे दिए जाने हैं। शेष 10 विमानों को 2026-27 तक इंडियन एयर फोर्स के सुपुर्द किया जाएगा।