भारत की डेटा सेंटर क्षमता में 5 गुना का हो सकता है इजाफा

डिजिटाइजेशन से डेटा के बढ़ते उपयोग के कारण भारत के डेटा सेंटर की क्षमता में आने वाले साल में 5 गुना का इजाफा हो सकता है।

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  • Publish Date - June 27, 2024 / 06:38 PM IST

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। डिजिटाइजेशन से डेटा के बढ़ते उपयोग के कारण भारत के डेटा सेंटर (Data centers of india) की क्षमता में आने वाले साल में 5 गुना का इजाफा हो सकता है। गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।रिपोर्ट में बताया गया कि देश को नियोजित 2.32 गीगावाट की डेटा सेंटर क्षमता के अलावा 1.7 से लेकर 3.6 गीगावाट (3.6 gigawatt) के अतिरिक्त डेटा सेंटर की आवश्यकता है।

कुशमैन और वेकफील्ड की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत 2028 तक प्रति वर्ष 464 मेगावाट की कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता जोड़ेगा। 2023 की दूसरी छमाही तक देश के शीर्ष सात शहरों में कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता 977 मेगावाट थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 258 मेगावाट की कोलोकेशन डेटा सेंटर क्षमता अकेले 2023 में ही बनाई गई। वहीं, 2022 में कुल 126 मेगावाट की डेटा सेंटर क्षमता जोड़ी गई थी। ऐसे में पिछले वर्ष के मुकाबले नई डेटा सेंटर बनाने की रफ्तार में 105 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

डेटा सेंटर क्षमता के तेजी से बढ़ने की वजह डेटा आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग, डिजिटलीकरण का तेजी से बढ़ना और बड़े स्तर पर डेटा की खपत को माना जा रहा है। भारत में डेटा की खपत में पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़त हुई है। एक आम भारतीय मोबाइल फोन औसत 19 जीबी से ज्यादा की डेटा खपत करता है। यह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कोलोकेशन डेटा सेंटर्स और क्लाउड फर्म की ओर से चलाए जाने वाले डेटा सेंटर दोनों में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में ये तेजी से बढ़े हैं। अगले पांच वर्षों में भारत में स्मार्टफोन, इंटरनेट, ओटीटी सब्सक्रिप्शन और सोशल मीडिया के उपयोग में काफी तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है।