डिजिटल मीडिया के रेगुलेशन के लिए अभी तक कोई अलग कानून नहीं: आईटी मंत्रालय

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि डिजिटल मीडिया को विनियमित करने के लिए अभी तक अलग कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और यह मामला अभी विचाराधीन है।

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  • Publish Date - December 17, 2022 / 02:55 PM IST

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि डिजिटल मीडिया को विनियमित करने के लिए अभी तक अलग कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और यह मामला अभी विचाराधीन है। मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक लिखित जवाब में कहा- इंटरनेट को सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य के लिए और सोशल मीडिया मध्यस्थों को विनियमित करने के लिए, और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 बनाए हैं।

जवाब में कहा गया- ये नियम मध्यस्थताओं पर विशिष्ट दायित्व डालते हैं और प्रदान करते हैं कि यदि वे इस तरह के परिश्रम का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें तीसरे पक्ष की जानकारी या उनके द्वारा होस्ट किए गए डेटा या कम्युनिकेशन लिंक के लिए कानून के तहत उनकी देयता से छूट नहीं दी जाएगी।

इस तरह उक्त नियमों को अपने यूजर्स को सूचित करने के लिए होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मॉडीफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, स्टोर, अपडेट या शेयर समेय अन्य बातों के अलावा, यूजर्स द्वारा साझा की गई ऐसी जानकारी, जो भारत की एकता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा या संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालती है, या जांच को रोकती है, या किसी कानून का उल्लंघन करती है।

इसमें किसी भी जानकारी को होस्ट, स्टोर या प्रकाशित नहीं करना भी शामिल है, जिसमें मध्यस्थ प्लेटफॉर्म पर डिजिटल मीडिया द्वारा प्रकाशित जानकारी या अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा की गई ऐसी जानकारी शामिल है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा सार्वजनिक आदेश, अदालत की अवमानना आदि के संबंध में कानून द्वारा निषिद्ध है। कानूनी रूप से अधिकृत सरकारी एजेंसी से आदेश प्राप्त होने पर, रोकथाम, पता लगाने, जांच या कानून के तहत मुकदमा चलाने या साइबर सुरक्षा घटनाओं के लिए जानकारी या सहायता प्रदान करने के लिए।