जेलेंस्की से मिलने के बाद बोले पीएम मोदी, रूस-यूक्रेन बिना समय गंवाए बात शुरू करें

By : hashtagu, Last Updated : August 23, 2024 | 8:59 pm

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पोलैंड के दो दिवसीय दौरे के बाद शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहांं उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) के साथ मरियिंस्की पैलेस में द्विपक्षीय वार्ता की। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों को बिना समय गंवाए बात शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैंने बच्चों की स्मृति में बनाए उस म्यूजियम को आपके साथ देखा, श्रद्धा सुमन अर्पित किया तो मेरा मन भरा हुआ था। दिल को गहरी चोट पहुंची हुई थी। मुझे लगता है कि युद्ध में सबसे ज्यादा निर्दोष बच्चे ही प्रभावित होते हैं, ये बहुत दर्दनाक है। इस प्रकार की घटनाएं कतई स्वीकार नहीं हो सकती। दुनिया में कोई भी मानवीय मूल पर विश्वास करने वाला व्यक्ति इसको स्वीकार नहीं कर सकता।

  • इस दर्दनाक परिस्थिति में भी आपने (राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की) जिस गर्मजोशी से मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया, उसके लिए मैं हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूं। आज भारत और यूक्रेन के संबंधों के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है। भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन की धरती पर आया है, यह अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है, मेरी और 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से आपको इसके लिए बधाई। हम (यूक्रेन में) शांति, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।

उन्होंने कहा कि आप और यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और आप भी जानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है। मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम स्पष्ट तौर पर मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं। कुछ समय पहले, जब मैं इसके समर्थन में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह समय युद्ध का नहीं है।

  • पीएम मोदी ने कहा, पिछले दिनों जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया तो मैंने वहां भी साफ-साफ शब्दों में कहा कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने चाहिए। जब आज हम रूबरू मिल रहे हैं, तब मैं यूक्रेन की धरती पर आज बच्चों की शहादत की उस जगह पर देखकर आया और मेरा मन भरा हुआ है। मैं आज आप से शांति की ओर आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं, तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं।

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