रायपुर। आज एक बार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन (Monsoon session) की शुरूआत हुई। लेकिन जैसे-जैसे सवाल-जबाव का सिलसिला चल, उसी गति से तीखे व्यंग अौर तंज का दौर भी तेज हो गया है। वैसे सवालों के जवाब में तीखी नोंकझोक और जुबानी जंग दिखी। जिसे सत्ता और विपक्ष ने एक दूसरे पर बड़े ही सधे हुए अंदाज में किए।
कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने इस बात पर आपत्ति की कि राजेश मूणत राहुल गांधी का नाम सदन में बार-बार क्यों ले रहे हैं। इस पर विधायक धर्मजीत सिंह ने उन्हें रोकते हुए कहा ज्यादा क्यों बोल रहे हो तुम्हारी ही सरकार का पाप है।
विधायक द्वारिकाधीश यादव ने मूणत पर कटाक्ष किया कि 5 मिनट के मामले में 20 मिनट क्यों ले रहे हैं।
एक अन्य विधायक यादव ने राजेश मूणत पर मुस्कुराते हुए टिप्पणी की कि जब माल किसी और ने खपाया तो मूणत का इसमें क्या इंटरेस्ट है और मंत्री जांच की घोषणा नहीं कर रहे हैं तो उनका क्या इंटरेस्ट है।
विधायक रामकुमार यादव इस मामले में बोलने के लिए खड़े हुए तो अजय चंद्राकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मुझे तो आश्चर्य हो रहा है उतना सारा पैसा देखने के बाद भी तुम जिंदा हो। चंद्राकर ने यह टिप्पणी दोबारा भी की।
विधायक द्वारकाधीश यादव ने इस पूरे मामले की जांच विधायक दल से करने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने राजेश मूणत को इस बात के लिए टोका कि जब मंत्री इसका जवाब दे रहे हैं तो आप ऊंची आवाज में क्यों बोल रहे हैं, इस पर कांग्रेस के कुछ विधायकों ने भी मूणत पर टिप्पणी की।
विधायक भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में पूरी चर्चा का नेतृत्व किया क्योंकि नेता प्रतिपक्ष महंत गैर हाजिर थे। बघेल को जब अजय चंद्राकर ने कांग्रेस को दो-तीन मौकों पर घेरा तो भूपेश बघेल तमतमा गए। उन्होंने खड़े होकर अजय चंद्राकर को भारी नाराजगी के साथ फटकारा और उसके बाद अपने विधायकों के साथ उनके भाषण का बहिष्कार कर दिया।
विधायक अजय चंद्राकर की इस टिप्पणी से विपक्ष तमतमा गया जिसमें चंद्राकर ने कहा कि बलोदा बाजार कांड को अंजाम देने वाला एक विधायक कांग्रेस से है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अजय चंद्राकर पर भड़क गए चंद्राकर ने जब यह टिप्पणी की कि विष्णु सरकार को अस्थिर करने के लिए, बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने एक शांतिपूर्ण समाज को भड़काया और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की चंद्राकर ने यह भी जोड़ दिया कि 2003 में भी भाजपा विधायकों को तोड़ने का खेल कांग्रेस ने ही 45 लाख में खेला था। इसके बाद विपक्ष बुरी तरह नाराज हो गया।
विधायक भावना बोहरा ने भी सदन का ध्यान आकर्षित किया। गुलाबी साड़ी पहनी भावना के साथ सेल्फी लेने के लिए सदन के बाहर कार्यकर्ताओं में होड़ मची रही।
भाजपा विधायक राकेश सैन ने विधानसभा में एक पोस्टर का प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा तो विधायकों ने कड़ी आपत्ति की। भूपेश बघेल ने कहा कि पोस्टर दिखाना सदन में नियमों का उल्लंघन है, इस पर रमन सिंह ने व्यवस्था दी और कहा कि कोई भी सदस्य इस तरह का प्रदर्शन करने के पहले स्वीकृति ले लेना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप भी उमेश पटेल पर टिप्पणी करने से नहीं चूके। उन्होंने सीख दी कि मनगढ़ंत कहानी मत बनाइए। सदन की गंभीरता को समझिए। विधायक रामकुमार यादव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने ही कह दिया कि अभी सरकार में सिर्फ ओ पी चौधरी की चल रही है, वे दिल्ली जाते हैं तो भाजपा विधायकों को सांसें अटक जाती हैं।
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