शहरी सत्ता की लड़ाई : दिल्ली तक नेता जी की फाइट ! डाले आकाओं पर डोरे
By : hashtagu, Last Updated : November 29, 2024 | 12:52 pm
- इधर, टिकट की चाह रखने वाले नेता भी अपने-अपने वार्डों में सक्रिय हो गए हैं. कुछ नेता रायपुर के नेताओं के पास टिकट के लिए चक्कर काट रहे हैं, तो कुछ दिल्ली से जुगाड़ लगा रहे हैं।
कांग्रेस का ये दावा
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का दावा है कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी और भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी. भाजपा नेताओं को समझ में आ गया है कि जनता का आक्रोश भाजपा सरकार के खिलाफ दिख रहा है। पूरे प्रदेश में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. बिजली की महंगी दर है, वादा खिलाफी है, युवाओं को रोजगार नहीं मिलने का आक्रोश है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार नगरीय निकाय का चुनाव समय पर करने में टाल मटोल कर रही है।
नगरीय चुनाव में भी भाजपा क्लीन स्वीप करेगी-चिमनानी
भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का दावा है कि जो परिणाम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आए हैं, वही विधानसभा उपचुनाव में भी आएगा और नगरीय निकाय चुनाव में भी वही परिणाम देखने को मिलेगा। कांग्रेस को जनता ने मौका दिया था, उस दौरान सरकार के साथ-साथ नगर निगम , नगर पालिका में भी इन्होंने भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी. सारा पैसा गबन कर गए। जितने सामान लगाए थे, वह खराब हो गए. जनता के पास जनता का पैसा नही पहुंचा।
भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि जनता चुनाव का इंतजार कर रही है। जहां भी कांग्रेस के महापौर हैं, उन्हें खदेड़ दिए जाएं. जहां कांग्रेस के पार्षद हैं, उन्हें रिप्लेस किया जाए और भारी मतों से इस बार इस चुनाव में भाजपा जीतने जा रही है। कहा कि 3100 रुपए धान की कीमत एक बार में मिल गई. महतारी वंदन योजना का ₹1000 मिल रहा है. 2 साल का बोनस मिल चुका है. पीएससी घोटाला में जांच की बात थी,उसकी घोषणा हो गई। भाजपा का दावा है कि विष्णु देव सरकार ने अपने पहले ही वर्ष में लगभग सारे वादे पूरे कर लिए हैं. भूपेश बघेल की सरकार 5 सालों में अपने आधे वादे को भी पूरा नहीं कर पाई थी। हमने तो 90% से ज्यादा वादे पूरे कर दिए. कांग्रेस का देखने का चश्मा अलग है और वास्तविकता कुछ अलग है।
टिकट के लिए बड़े नेता कर सकते हैं दावेदारी
नगरीय निकाय चुनाव के लिए दावेदारी तो बहुत पहले से ही शुरू हो गई है. विधानसभा, लोकसभा चुनाव के दौरान ही दावेदारी देखने को मिलना शुरू हो गई थी. दोनों राजनीतिक दल के बड़े कद के नेताओं ने चुनाव को लेकर अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी है और जुगाड़ बैठने में लग गए है, कि किस तरह से टिकट हासिल की जाए. अब देखना होगी पार्टी किसे टिकट देती है और कौन चुनाव लड़ता है।
- राजनीतिक विश्लेषक प्रफुल्ल पारे का कहना है कि महापौर चुनाव भी इस बार सीधे होने जा रहे हैं. जनता उनको चुनेगी. पिछली बार यह व्यवस्था नहीं थी. हालांकि पिछली बार के पहले यह व्यवस्था जरूर थी, कि जनता महापौर को सीधे चुनती थी। इस बार चुनाव में चौंकाने वाला नाम हो सकता है. खासकर भाजपा में यह देखने को मिल सकता है. दोनों ही पार्टियों में कई दावेदार हैं. जो पार्षद रहे हैं, वह अपनी दावेदारी कर रहे हैं. नए लोग अपनी टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं. कांग्रेस की बात करें तो रायपुर नगर निगम में टिकट के लिए कई बड़े नेता दावेदारी करेंगे। ऐसा जरूरी नहीं है कि नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम जिसकी सत्ता है, उसके पक्ष में जाएं. परिणाम कुछ भी हो सकते हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में 184 निकाय, 14 नगर निगम, 48 नगर पालिका परिषद और 122 नगर पंचायत हैं।
यह भी पढ़ें : क्यों मच गई सस्ते ‘सिलेंडर’ पर सियासी बवाल, इसलिए ‘BJP-कांग्रेस’ में जुबानी जंग
यह भी पढ़ें : अब एक्स में रैगिंग का खुलासा, कमरे में कैद छात्राएं बेहोश
यह भी पढ़ें : समग्र शिक्षा अभियान की फंड जारी करने में देरी पर दिग्विजय सिंह की आलोचना
यह भी पढ़ें : कांग्रेसी ‘आग ‘ में विष्णुदेव और भाजपा ने झोंकी घी, क्यों धधक उठी सियासत