CG-निकाय चुनाव : BJP का ‘गुप्त’ दांव! क्या ‘अरुण साव’ के फंडे पर सियासी खेला ?
By : madhukar dubey, Last Updated : August 1, 2024 | 5:46 pm
- बताते हैं कि नगरीय निकाय चुनाव से पूर्व विष्णुदेव साय सरकार की इस कारगर पहल से जहां लोगों के समस्याओं का निराकरण होगा। वहीं इसका फायदा भाजपा को भी चुनाव के दौरान निश्चित तौर पर मिलेगा। क्योंकि इसके माध्यम से मिले वार्डों के हालातों का फीडबैक मिलेगा। जिस पर पार्टी अपनी चुनावी रणनीति भी बना सकती है, इसमें यह पता चलेगा कि अधिकारी और वार्ड के पार्षद कौन सी समस्याओं को 5 साल लगातार उपेक्षा कर रहे थे। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह क्या थी। जहां वार्ड के पार्षदों की सक्रियता को लेकर लोगों के बीच असंतोष पाया जाएगा। वहां भाजपा एक मजबूत पार्षद के तौर पर उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारेगी।
गौरतलब है कि जनसमस्या निवारण शिविर में वार्डों में मूलभूत सुविधाओं की खस्ताहाल होने की समस्या भी लेकर नागरिक पहुंच रहे हैं। इसमें अधिकांश वार्डों में गार्डन, नाली, सड़क, जलजमाव, गंदगी का निस्तारण नहीं होना सहित लोगों की व्यक्तिगत समस्याएं भी हैं। खास बात यह है कि इसमें अधिकांश समस्याएं ऐसी हैं, जो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान से ही बनी हुई थी, उसकी सूची बनाकर नगरीय प्रशासन विभाग तत्काल दूर करने में जुटा। क्योंकि इसकी निगहबानी खुद नगरीय निकाय मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव कर रहे हैं। समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चल रही कार्यवाही के चलते वार्डवासियों को आशा है कि जल्द ही निराकरण हो जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कड़े निर्देश दिए है। क्योंकि अरुण साव को भंली भांति पता है कि कैसे सत्ता और संगठन को लाभ पहुंचाने वाले स्मीकरण को साधना है। इसकी वजह भी है कि अरुण साव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे, जिनके संगठन के नेतृत्व में भाजपा की प्रदेश में सरकार बनी। ऐसे में इनके फंडे पर चल रही योजनाओं का लाभ नगरीय निकाय के चुनाव में भाजप को मिलना तय है।
- बता दें, कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 2018 में नगरीय निकाय के चुनावों में प्रचंड जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार हालात बदले हैं कांग्रेस सत्ता से बेदखल होने के बाद उनके संगठन में कार्यकर्ताओं में असंतोष तो जग जाहिर हो चुका है। ऐसे में उसके लिए नगरीय निकाय चुनाव की राह आसान नहीं होने वाली है। इधर भाजपा किसी भी हालत में नगरीय चुनाव में क्लीन स्वीप करने का मौका जाने नहीं देगी।
जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के पहले तीन दिनों में ही मिले 19598 आवेदन, 40 प्रतिशत आवेदन मौके पर ही निराकृत
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने शिविरों के अनुभव के आधार पर कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने शिविरों में स्टॉल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत वार्डों में आयोजित हो रहे शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, जिससे कि लोगों को अपने वार्ड में आयोजित हो रहे शिविर के बारे में पहले से जानकारी हो और वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर में पहुंच सके।
- समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के शुरूआती तीन दिनों में प्रदेश भर में कुल 19 हजार 598 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 17 हजार 310 आवेदन मांगों से और 2288 आवेदन शिकायतों से संबंधित हैं। शिविरों में प्राप्त हुए करीब 40 प्रतिशत यानि 7747 आवेदनों को मौके पर ही निराकृत किया गया है। इस दौरान प्राप्त 1092 आवेदनों के दूसरे विभागों से संबंधित होने के कारण निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया है। इसी तरह 15 दिनों तक काम करना है। उन्होंने हितग्राहीमूलक कार्यों को मौके पर करने के साथ ही सामुदायिक सुविधाओं जैसे पानी, नाली, बिजली की समस्या इत्यादि का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए।
गरीबों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने सरकार प्रतिबद्ध – उप मुख्यमंत्री अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिसम्बर-2023 के पहले हर महीने 1680 के औसत से आवास बनते थे, जबकि जनवरी-2024 से जून-2024 तक राज्य में हर माह 5018 के औसत से 30 हजार 105 आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं।
- उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत इस साल जनवरी से जून तक 165 करोड़ 30 लाख रुपए का केन्द्रांश और 94 करोड़ 13 लाख रुपए का राज्यांश स्वीकृत किया गया है। योजना के तहत कुल 358 करोड़ 22 लाख रुपए का भुगतान हितग्राहियों को किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों में आवासों का निर्माण लगातार जारी है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी आवास निर्माण में तेजी आएगी।
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