CGMSC घोटाला : अब CBI जांच पर ‘कांग्रेस-भाजपा’ में वाकयुद्ध ! डॉक्टर राकेश और चोपड़ा के तीखे वार

By : hashtagu, Last Updated : March 23, 2025 | 6:51 pm

रायपुर। (CBI investigation of CGMSC) अब सीजीएमएससी की CBI जांच को लेकर भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) में सियासत गर्म हो गई हैं। कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार मीडिया में खबरें बनने के बाद दबाव में राज्य की भाजपा सरकार ने रिएजेंट और दवा सप्लाई घोटाले की जांच की घोषणा की थी। इस मामले की लीपापोती करने ईओडब्ल्यू से जांच कराई जा रही जबकि यह केंद्रीय पैसे में घोटाला है, अतः इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। इस घोटाले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी शामिल है। उन्होंने चलती जांच के बीच सप्लाई करने वाली कंपनी को भुगतान करवा दिया। इससे साफ है कि घोटाले में मंत्री की सहभागिता थी।

कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि रीएजेंट की कृत्रिम मांग में स्वास्थ्य विभाग के तीनों अंग आपस में जुड़े हुए हैं। अफ़सर तो दोषी थे ही, अब राज्य के मंत्री की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। ऐसे में यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि राज्य की कोई एजेंसी अपने ही सरकार के किसी मंत्री की भूमिका की जांच करेगी? वैसे भी रिएजेंट के पैसे आए थे केंद्र सरकार से। कांग्रेस पार्टी को लगता है कि राज्य सरकार, खासकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इस जांच में लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी मांग है कि सैकड़ों करोड़ रुपए के इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें अन्यथा उनको बर्खास्त किया जाये

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि और जब तक जांच पूरी नहीं होती, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें। इस्तीफा नहीं देते है तो मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटा देना चाहिए। पूरे घोटाले दौरान जो अधिकारी विभाग में पोस्टेड थे उन्हें निलंबित कर जांच होनी चाहिए क्योंकि उनकी उपस्थिति में जांच प्रभावित हो सकती है।

CBI जांच की मांग बेतुकी

बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक व पूर्व विधायक विमल चोपड़ा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि CGMSC घोटाले की जांच CBI से कराने की मांग पूरी तरह बेतुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले खुद भ्रष्टाचार करती है और फिर अपनी सुविधा के अनुसार जांच एजेंसी चुनना चाहती है। कभी ये CBI पर भरोसा नहीं करते और उसे केंद्र सरकार का तोता बताते हैं, कभी NIA पर सवाल उठाते हैं, तो कभी EOW की जांच प्रक्रिया पर अविश्वास जताते हैं। अपने शासनकाल में ये खुद EOW से जांच कराते थे और छत्तीसगढ़ में CBI को बैन कर रखा था। जिन्होंने हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार किया, वही आज अपनी मनमर्जी से जांच की मांग कर रहे हैं, चोपड़ा ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी EOW पूरी तरह सक्षम है और जब सरकार को जरूरत महसूस होगी, तो जांच का दायरा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस को इस पर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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